RBI MPC Update: र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) ने यूपीआई के जरिये टैक्‍स भुगतान की ल‍िमि‍ट बढ़ाने की गुरुवार को घोषणा की. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (shaktikanta das) ने एमपीसी में ल‍िये गए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई अपनी आसान सुव‍िधाओं से पेमेंट करने का पसंदीदा तरीका बन गया है. मौजूदा समय में यूपीआई (UPI) के जर‍िये टैक्‍स भुगतान (Income Tax) करने की ल‍िमि‍ट एक लाख रुपये है. दास ने बताया क‍ि अलग-अलग जरूरत के बेस पर रिजर्व बैंक (RBI) ने समय-समय पर कैप‍िटल मार्केट, आईपीओ सब्‍सक्र‍िप्‍शन, डेब्‍ट कलेक्‍शन, इंश्‍योरेंस, मेड‍िकल और एजुकेशन सर्व‍िस आद‍ि के ल‍िए यूपीआई ल‍िमि‍ट की समीक्षा करके उसे बढ़ाया है.


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यूपीआई का यूजर बेस बढ़कर 42.4 करोड़ हो गया


दास ने कहा, ‘चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्‍स भुगतान सामान्य, नियमित और उच्च मूल्य के हैं. इसलिए यूपीआई के जरिये टैक्‍स का पेमेंट करने की ल‍िमि‍ट को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख प्रति लेनदेन करने का फैसला क‍िया गया है. इस बारे में जरूरी निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे.’ आरबीआई के अनुसार, यूपीआई (UPI) का बेस 42.4 करोड़ हो गया है. हालांकि, यूजर बेस के आगे और बढ़ने की संभावना है. यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ शुरू करने का भी प्रस्ताव है.


डिजिटल लोन देने वाले ऐप पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव
दास ने कहा कि ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ से एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर) को प्राथमिक यूजर के बैंक अकाउंट पर क‍िसी अन्य व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर) के लिए यूपीआई लेनदेन ल‍िम‍िट तय करने की अनुमति मिलेगी. आरबीआई के इस कदम से देशभर में डिजिटल पेमेंट की पहुंच और उपयोग में इजाफा होने की उम्मीद है. इस बारे में भी ड‍िटेल जल्‍द जारी की जाएगी. इसके साथ ही आरबीआई ने अनऑथराइज कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल लोन देने वाले ऐप के सार्वजन‍िक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है.


दास ने कहा कि कस्‍टमर के हितों की सुरक्षा, डाटा प्राइवेसी, ब्याज दरों और र‍िकवरी प्रोसेजर, गलत बिक्री आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश 2 सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे. हालांक‍ि, मीडिया की खबरों ने डिजिटल लोन देने में बेईमान कंपनियों की मौजूदगी को उजागर किया है जो आरबीआई (आरई) से संबद्ध होने का झूठा दावा करती हैं.