93 साल के इस शख्स की रईसी के सामने पिछड़े नारायण मूर्ति,आलीशान हवेली, ₹82000 करोड़ का कारोबार, कौन हैं कोलकाता के सबसे अमीर शख्स
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93 साल के इस शख्स की रईसी के सामने पिछड़े नारायण मूर्ति,आलीशान हवेली, ₹82000 करोड़ का कारोबार, कौन हैं कोलकाता के सबसे अमीर शख्स

 हुरुन इंडिया रिच लिस्ट (Hurun India Rich List 2024) में टॉप-100 में अमीरों की लिस्ट में 93 साल के बेनु गोपाल बांगुर (Benu Gopal Bangur)का भी शामिल हुआ. फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक इस शख्स की दौलत के सामने नारायण मूर्ति भी पिछड़ गए हैं.

93 साल के इस शख्स की रईसी के सामने पिछड़े नारायण मूर्ति,आलीशान हवेली, ₹82000 करोड़ का कारोबार, कौन हैं कोलकाता के सबसे अमीर शख्स

Kolkata Richest Man: हुरुन इंडिया रिच लिस्ट (Hurun India Rich List 2024) में टॉप-100 में अमीरों की लिस्ट में 93 साल के बेनु गोपाल बांगुर (Benu Gopal Bangur)का भी शामिल हुआ. फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक इस शख्स की दौलत के सामने नारायण मूर्ति भी पिछड़ गए हैं. कोलकाता के सबसे अमीर शख्स वेणु गोपाल बांगर ने दौलत और रईसी के मामले में देश की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति को भी पीछे छोड़ दिया है. फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक नारायण मूर्ति के पास  5.2 अरब डॉलर की संपत्ति है तो वहीं वेनू गोपाल बांगुरी की संपत्ति 6.6 अरब डॉलर पर.  

कौन हैं बेनू गोपाल बांगुर  

बेनु गोपाल बांगुर 87000 करोड़ रुपये की सीमेंट बनाने वाली कंपनी श्री सीमेंट के पूर्व चेयरमैन है.  संपत्ति के मामले में वह एनआर नारायण मूर्ति और नंदन नीलेकणी जैसे मशहूर अरबपतियों से ऊपर हैं. उनकी गिनती कोलकाता के सबके अमीर शख्स के तौर पर होती है. बांगुर फैमिली खानदानी रईसों में शामिल है. खानदानी बिजनेस को उन्होंने नई ऊंचाईयों पर पहुंचाते हुए 82 हजार करोड़ का कारोबार खड़ा कर दिया. सीमेंट के साथ उन्होंने अलग-अलग सेक्टर में पांव फैलाए. आज उनके बेटे, पोते कारोबार का विस्तार कर रहे हैं.  

कोलकाता के सबसे अमीर, लेकिन बंगाली नहीं 

आमतौर पर लोग सोच लेते हैं कि कोलकाता के हैं तो बंगाली ही होंगे, लेकिन वेनू गोपान बांगुर बंगाली नहीं है, उनका ताल्लुक राजस्थान के परिवार से है.  बेनु गोपाल मारवाड़ी परिवार से हैं. उनके खून में ही बिजनेस है. साल 1931 में जन्में ने पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार का कारोबार संभाल लिया.  वेणु गोपाल बांगुर के दादा मुंगी राम बांगुर एक स्टॉकब्रोकर थे.  उनके दादा ने बांगुर बिजनेस एम्‍पायर की नींव रखी थी, लेकिन 1991 में फलता-फूलता कारोबार बलभद्र दास बांगर, निवास बांगर, कुमार बांगर और वेणु गोपाल बांगर (मुंगी राम के सभी पोते) और लक्ष्मी निवास बांगर (राम कूवार के पोते) के बीच बांट टुकड़ों में बांट दिया गया. कारोबार के बंटवारे के बाद बेनु गोपाल बांगुर के हिस्से में श्री सीमेंट का कारोबार आया.  उन्होंने कुछ ही समय में श्री सीमेंट को देश की दिग्गज सीमेंट कंपनियों में शामिल कर दिया. उनकी कंपनी श्री अल्ट्रा जंग रोधक, बांगर सीमेंट और रॉकस्ट्रांग जैसे ब्रांड के साख सीमेंट बेचती है.  

आलीशान हवेली  

बेनु गोपाल बांगुर के दो बेटे हैं. दोनों बेटे और पोते कारोबार की बागडोर संभाल रहे हैं. कोलकाता में उनका आलीशान बंगला है.  51,000 वर्ग फीट में फैली उनकी हवेली तमाम लग्जरी सुविधाओं के लैस है. होम थियेटर, स्वीमिंग पूल से लेकर जिम जैसी सुविधाएं इस हवेली में है.  

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