RBI Governor Shaktikanta Das: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने रेपो रेट की दर में इजाफा नहीं किया है. आज आरबीआई की मॉनटेरी पॉलिसी का आखिरी दिन था, जिसके बाद में यह फैसला लिया गया है. आज शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोटों पर भी जरूरी अपडेट दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को वापस लेने से काफी फायदा मिलेगा. इसके साथ ही लिक्विडिटी में भी इजाफा होगा. अब तक 2000 रुपये के 87 फीसदी नोट वापस आ गए हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नकदी में हुआ इजाफा
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि सरकार के 2000 रुपये के नोटों को लेकर लिए गए फैसले से सरप्लस लिक्विडिटी में इजाफा हुआ है. 2000 रुपये के नोट आने से लिक्विडिटी यानी नकदी में बढ़ोतरी देखने को मिली है. 


नकदी के स्तर का चलता है पता
आपको बता दें लिक्विडिटी उस रकम को दर्शाती है जो कि तुरंत कर्ज को पूरा करने के लिए उपलब्ध होती है या फिर निवेश के लिए इस्तेमाल होती है. इसके साथ ही नकदी का स्तर भी इससे पता चलता है. 


19 मई को लिया था फैसला
पिछले हफ्ते मिली जानकारी के मुताबिक 31 जुलाई तक चलन से बाहर हो चुके 2000 रुपये के नोटों की कुल वैल्यू 3.14 लाख करोड़ रुपये है. केंद्र सरकार ने 19 मई को 2000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला लिया था.


जून और अप्रैल तिमाही में भी नहीं हुआ बदलाव
आरबीआई ने जून और अप्रैल की पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में भी रेपो दर में बदलाव नहीं किया था. इससे पहले मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 फीसदी की वृद्धि की गई थी.