RBI MPC Meeting 2024: इस समय सभी लोग यह उम्मीद लगा रहे हैं कि उनकी होम लोन की ईएमआई (Loan EMI) कम हो जाए... अगर आपने भी किसी भी तरह का लोन ले रखा है तो आरबीआई (RBI) की तरफ से कल बड़ा फैसला आने वाला है. नीतिगत ब्याज दर पर फैसला 5 अप्रैल को आ जाएगा. यह मीटिंग 3 अप्रैल को शुरू हो गई थी. ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट्स (Repo rates) की दरों को स्थिर रख सकता है. इसके साथ ही आरबीआई का फोकस इंफ्लेशन को कंट्रोल में रखना है. 


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इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को लेकर चिंताएं कम होने से रिचेल इंफ्लेशन पर फोकस रहने की उम्मीद है. यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा है. एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है. इस साल आरबीआई 6 एमपीसी की मीटिंग करेगा.  


फरवरी 2023 में हुआ था बदलाव


आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर में इजाफा किया था और तब से यह लगातार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है. पिछली 6 मीटिंग से रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 


कौन-कौन है समिति में शामिल


गवर्नर दास की अध्यक्षता वाली समिति में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा, राजीव रंजन और माइकल देबब्रत पात्रा भी शामिल हैं. सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि रिटेल इंफ्लेशन दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बना रहे. फरवरी के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर 5.1 प्रतिशत थी. 


क्या है एक्सपर्ट की राय?


एक्सपर्ट ने कहा कि एमपीसी बैठक में अमेरिका और ब्रिटेन जैसी कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों के रुख पर तवज्जो दी जा सकती है. ये केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती को लेकर फिलहाल ‘देखो और इंतजार करने’ की स्थिति में हैं. स्विट्जरलैंड ब्याज दरों में कटौती करने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जबकि दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था जापान ने नकारात्मक ब्याज दरों का सिलसिला हाल ही में खत्म कर दिया है.


Q3 में है कटौती की संभावना


सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े लोन देने वाले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति में उदार रुख को वापस लेना जारी रह सकता है. इसमें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जाकर पहली दर में कटौती की संभावना जताई गई है. आरबीआई से उम्मीदों पर हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ के बीच केंद्रीय बैंक रेपो रेट को स्थिर बनाए रख सकता है.


GDP ग्रोथ रेट का अनुमान


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है. पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में ग्रोथ रेट 8.4 प्रतिशत रही थी.