RBI MPC Meeting: आज से RBI की अहम बैठक, तीन साल के हाई लेवल पर पहुंच सकता है रेपो रेट; फिर बढ़ेगी EMI
RBI MPC: अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत दुनिया के अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि किए जाने के बाद आरबीआई के भी रेपो रेट में वृद्धि करने की उम्मीद है.
Inflation Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तीन दिवसीय मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक बुधवार से शुरू हो रही है. लगातार बढ़ती महंगाई दर पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई (RBI) रेपो रेट में एक बार फिर से बढ़ोतरी कर सकता है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत दुनिया के अन्य प्रमुख केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि किए जाने के बाद आरबीआई के भी रेपो रेट में वृद्धि करने की उम्मीद है. एमपीसी की सिफारिशों के आधार पर आरबीआई ने जून और अगस्त में रेपो दर में 0.50 फीसदी की वृद्धि की थी.
मई में अचानक बढ़ाई थी ब्याज दर
इससे पहले मई में केंद्रीय बैंक ने अचानक हुई अपनी बैठक में ब्याज दर को 0.40 फीसदी बढ़ाया था. रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी. दरों पर निर्णय शुक्रवार यानी 30 सितंबर को घोषित किया जाएगा. विषेशज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर तीन साल के उच्चतम स्तर 5.9 फीसदी पर कर सकता है. यह वर्तमान में 5.4 फीसदी है.
50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की उम्मीद
आरबीआई ने रेपो रेट में मई से लेकर अब तक 1.40 फीसदी की वृद्धि की है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले सप्ताह फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि के बाद विदेशी मुद्रा बाजार में हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए इस बार मौद्रिक नीति पर अधिक बारीकी से नजर रखी जाएगी. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि आरबीआई आगामी एमपीसी की बैठक में रेपो दर में एक बार फिर 0.50 फीसदी की वृद्धि कर सकता है.
दरों में बढ़ोतरी के अलावा कोई विकल्प नहीं
गौरतलब है कि सरकार ने आरबीआई को दो फीसदी के घट-बढ़ के साथ खुदरा महंगाई को चार फीसदी पर रखने का लक्ष्य दिया है. एंड्रोमेडा लोन्स के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन ने कहा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं में दरों में वृद्धि को देखते हुए आरबीआई के पास दरों में बढ़ोतरी के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे
संपत्ति सलाहकार कंपनी एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि दुनियाभर में महंगाई के दबाव के साथ कई देशों ने हाल में लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. उन्होंने कहा भारत भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ा हुआ है और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए उपचारात्मक कदम उठाने पड़ेंगे. (भाषा)
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