RBI Monthly Bulletin: देश में बढ़ती महंगाई से परेशान आम जनता को एक बार फिर तगड़ा झटका लग सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हर महीने अपना बुलेटिन जारी करता हैं. इस महीने की बुलेटिन जारी हो गई है जिसे देख कर अनुमान लगाया जा रहा है कि महंगाई (Inflation) को काबू में लाने के लिए आगे भी केंद्रीय बैंक कड़ा रुख बरकरार रखेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आरबीआई ने जारी किया मासिक बुलेटिन 


आरबीआई ने 17 अक्‍टूबर को अपना मासिक बुलेटिन (RBI Monthly Bulletin) जारी किया. आपको बता दें कि इस साल रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में करने के लिए अब तक 4 बार रेपो रेट बढ़ा चुका है. इस बुलेटिन में कहा गया है कि महंगाई को काबू में लाना और इसे तय सीमा के भीतर लाने पर मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) का फोकस रहेगा.


आरबीआई के बुलेटिन में कही गई बड़ी बात 


बुलेटिन में शामिल रिपोर्ट ‘स्‍टेट ऑफ द इकोनॉमी’ में कहा गया है कि मॉनेटरी पॉलिसी के तहत उठाए गए कदमों का असर दिखने में थोड़ा समय लगता है. लगातार तीन तिमाहियों तक खुदरा महंगाई के आरबीआई के टारगेट से ऊपर बनी रही है ऐसे में, इसकी जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया शुरू होगी. महंगाई को काबू करने के लिए केंद्रीय बैंक और सख्ती करेगा.


लेखकों ने दिया अपना विचार 


आरबीआई के बुलेटिन में कहा गया है कि महंगाई बढ़ाने में कोरोना महामारी के अलावा भूराजनीतिक कारणों ने भी अहम् भूमिका निभाई है. आपको बता दें कि RBI के डिप्टी गवर्नर और मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्य माइकल पात्रा इस रिपोर्ट सह-लेखक हैं. हालांकि इस रिपोर्ट में लिखे गए विचार लेखकों के होते हैं और इन्‍हें भारतीय रिजर्व बैंक के विचार नहीं माना जाता है. भारतीय रिजर्व बैंक को उम्‍मीद है कि वित्‍त वर्ष 2022-23 में खुदरा महंगाई 6.7 फीसदी पर आ जाएगी, जबकि साल 2024 में अप्रैल-जून के दौरान यह 5 फीसदी परभी आ सकती है. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसके दो साल में 4 फीसदी पर आने की उम्मीद जताई है.