रियलएस्टेट सेक्टर के लिए `कुबेर` का खजाना साबित हुआ 2024, IPO से जुटाए 13500 करोड़
IPO: रियलएस्टेट में आईपीओ में वृद्धि का नेतृत्व मुख्य रूप से हाउसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा किया गया, जिनका हिस्सा 2021-2024 के दौरान जुटाई गई पूंजी में 46 प्रतिशत था. इसके बाद रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) का नंबर रहा, जिनकी हिस्सेदारी 22 प्रतिशत रही.
Realestate Sector Boom: भारत में रियलएस्टेट सेक्टर ने इस साल आईपीओ (IPO) के जरिये करीब 13,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो 2023 में जुटाई गई राशि से करीब दोगुना है. कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 20 अक्टूबर तक विभिन्न सेक्टर्स में लाए गए 123 नए आईपीओ इसकी मुनादी करते हैं. बताते हैं कि साल 2024 पहले ही 2023 में पेश हुए आईपीओ की कुल संख्या को पार कर चुका है. साल 2021 से अब तक शेयर बाजार में 21 रियलएस्टेट आईपीओ आए हैं, जो 2017-2020 के दौरान पिछले चार साल में हुई 11 लिस्टिंग की तुलना में काफी अधिक है.
21 रियलएस्टेट कंपनियों ने 31900 करोड़ जुटाए
महामारी के बाद के दौर में 21 रियलएस्टेट कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 31,900 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इससे पहले की चार साल की अवधि यानी 2017-2020 में जुटाई गई धनराशि से दोगुने से भी अधिक है. रियलएस्टेट में आईपीओ में वृद्धि का नेतृत्व मुख्य रूप से हाउसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा किया गया, जिनका हिस्सा 2021-2024 के दौरान जुटाई गई पूंजी में 46 प्रतिशत था. इसके बाद रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) का नंबर रहा, जिनकी हिस्सेदारी 22 प्रतिशत रही.
डेवलपर्स ने भी 5600 करोड़ की अहम धनराशि जुटाई
रिपोर्ट में कहा गया है कि आवासीय परिसंपत्तियों पर ध्यान देने वाले लीडिंग रियल एस्टेट डेवलपर्स ने भी 5,600 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण धनराशि जुटाई, जो पिछली चार वर्ष की अवधि की तुलना में 10 गुना अधिक है. कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, "भारत में आईपीओ एक्टिविटी के लिए पॉजिटिव आउटलुक, इंफ्रास्ट्रक्चर में उच्च निवेश, अनुकूल जनसांख्यिकी और अनुकूल नियामक ढांचे द्वारा समर्थित उच्च उपभोक्ता खर्च पर आधारित है."
हाउसिंग, कमर्शियल और रिटेल सेक्टर में मजबूत मांग से प्रेरित होकर आने वाले समय में ग्रेड ए कार्यालयों और मॉल जैसी परिसंपत्तियों वाले रियल एस्टेट डेवलपर्स, एचएफसी और आरईआईटी द्वारा आईपीओ में वृद्धि देखी जाएगी. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया कि ऋण दरों में कमी की उम्मीद से रियल एस्टेट एक्टिविटी को और बढ़ावा मिल सकता है. हाल के सालों में स्टॉक एक्सचेंज पर रियल एस्टेट आईपीओ की मात्रा न केवल बढ़ी है, बल्कि नई कैटेगरी में भी विविधता आई है.
प्रमुख फ्लेक्स स्पेस ऑपरेटर शहरों में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहे हैं और अपनी आईपीओ योजनाओं में तेजी ला रहे हैं. कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक और शोध प्रमुख विमल नादर ने कहा, 'बीएसई रियल्टी इंडेक्स का इस साल अब तक का प्रदर्शन 30 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ प्रभावशाली रहा है, जो सेंसेक्स से काफी आगे रहा है.' (IANS)