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Adani Case: अमेरिका में रिश्वतकांड के बाद अडानी समूह की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है. गौतम अडानी और उनकी कंपनी की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिका वाला मामला अभी तूल ही पकड़ रहा था कि बांग्लादेश ने भी अडानी के खिलाफ आंखें टेढ़ी कर दी है. बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना के शासनकाल में अडानी के साथ हुई पावर डील की समीक्षा करने की बात कही है.
अब बांग्लादेश में होगी जांच
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने भारत के अडानी समूह के साथ कई दूसरी कंपनियों के साथ हस्ताक्षरित पॉवर डील्स की थी. अब बांग्लादेश सरकार ने अडानी के साथ हुई डील की जांच की बात कही है. बांग्लादेश सरकार ने जांच के लिए एक एजेंसी नियुक्त करने की सिफारिश की है. ये फैसला तब लिया गया, जब अमेरिका में अडानी समूह पर सोलर एनर्जी डील के लिए धोखाधड़ी, रिश्वत और फ्रॉड जैसे गंभीर आरोप लगे.
बांग्लादेश में भी बढ़ेगी मुश्किल
बांग्लादेश की सरकार ने पावर, एनर्जी और माइनिंग से जुड़े मंत्रालय की ओर से की गई साझेदारी की समीक्षा करेगी. बांग्लादेश की राष्ट्रीय समीक्षा समिति ने 2009 से 2024 तक शेख हसीना के शासन के दौरान किए गए पावर प्रोजेक्ट की डील के लिए एक प्रतिष्ठित कानूनी और जांच एजेंसी को नियुक्त करने की सिफारिश की है.यह समिति शेख हसीना के कार्यकाल में की गई सभी सात एनर्जी और पावर प्रोजेक्ट की जांच करेगी. इनमें से एक अडानी (गोड्डा) बीआईएफपीसीएल का प्रोजेक्ट भी है . बता दें कि बीआईएफपीसीएल अडानी पॉवर पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है
क्या होगा इसका असर
सरकार की जांच का मतलब बै कि बांग्लादेश में अडानी के पावर प्रोजेक्ट पर खतरा मंडरा रहा है. हालांकि फंड रिकवरी और बांग्लादेश सरकार द्वारा बिल का भुगतान नहीं किए जाने के चलते अडानी ने पहले ही बांग्लादेश को पॉवर सप्लाई कम कर दी थी. अडानी के इस कदम के बाद सरकार ने दल्द ही 6000 करोड़ रुपये के भुगतान का भरोसा दिलाया.