Reliance Industries: रिलायंस इंडस्ट्रीज की आमदनी तो बढ़ी, मुनाफा 15138 घटा; जानिए क्यों?
RIL Profit: देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.36 लाख करोड़ की आमदनी पर 15138 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. यह एक साल पहले की समान अवधि से 5 प्रतिशत से भी ज्यादा कम है. जानिए ऐसा क्यों हुआ?
RIL Share Price: देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industires Ltd.) की अप्रैल-जून तिमाही आमदनी तो बढ़ी लेकिन इसका मुनाफा 5 प्रतिशत से भी ज्यादा गिर गया है. रिफाइनिंग और पेट्रो-केमिकल बिजनेस के कम मार्जिन ने टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस में आई तेजी को भी फीका कर दिया. ऑयल से लेकर रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस में एक्टिव रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बयान में कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में ग्रुप का कुल लाभ 15,138 करोड़ रुपये यानी 22.37 रुपये प्रति शेयर रहा. यह एक साल पहले की इसी अवधि में 16,011 करोड़ रुपये यानी 23.66 रुपये प्रति शेयर था.
क्यों घटा कंपनी का मुनाफा?
जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने रिकॉर्ड 18,951 करोड़ रुपये का फायदा कमाया था. तिमाही आधार पर कंपनी का नेट प्रॉफिट 20 प्रतिशत घटा है. आलोच्य तिमाही में फ्यूल के मार्जिन में कमी के अलावा रिलायंस का डेपरीशिएशन पर भी ज्यादा खर्च हुआ, इससे कंपनी के प्रॉफिट पर असर पड़ा है. पेट्रोल की कीमत में 30 प्रतिशत की गिरावट और केमिकल बिजनेस के मार्जिन में कमी आने से ऐसा हुआ. हालांकि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस में तेजी का सिलसिला जारी रखा है.
सबसे बड़ी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी
5G सर्विस को बढ़ावा देने के कारण रिलायंस जियो डाटा शुल्क के मामले में ग्लोबल लेवल पर सबसे बड़ी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बन गई. रिटेल बिजनेस ने अपने स्टोर नेटवर्क पर ग्राहकों की संख्या बढ़ने के बीच पहले जैसा ही प्रदर्शन किया. रिलायंस ग्रुप के सभी बिजनेस में जून तिमाही में 15.5 प्रतिशत बढ़कर 13,596 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान वित्त लागत में भी मामूली ग्रोथ दर्ज की गई. परिचालन के लिहाज से कंपनी की एबिटा यानी कर-पूर्व आय 2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 42,748 करोड़ रुपये रही.
आमदनी में 12 प्रतिशत का इजाफा
कंपनी का परिचालन राजस्व अप्रैल-जून 2024 की अवधि में 11.5 प्रतिशत बढ़कर 2.57 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 2.31 लाख करोड़ रुपये था. लेकिन यह जनवरी-मार्च 2024 की 2.64 लाख करोड़ रुपये की परिचालन आय से कम रहा. रिलायंस का मुख्य कारोबार तेल शोधन एवं पेट्रोकेमिकल यानी ओ2सी कहा जाता है. बीती तिमाही में इस कारोबार की एबिटा 14.3 प्रतिशत गिरकर 13,093 करोड़ रुपये रही.
जियो का कस्टमर बेस बढ़कर 48.97 करोड़ हो गया
कंपनी ने कहा कि ऐसा 'परिवहन ईंधन क्रैक कम होने, विशेष रूप से पेट्रोल क्रैक के कारण हुआ, जो साल-दर-साल 30 प्रतिशत कम था. केमिकल मार्जिन भी सालाना आधार पर कम रहा." ईंधन क्रैक का आशय कच्चे तेल को शोधित कर पेट्रोल एवं डीजल जैसे ईंधन में परिवर्तित करने से है. एक बैरल कच्चे तेल और उससे परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पादों के बीच का अंतर ईंधन क्रैक कहा जाता है. रिलायंस की डिजिटल कारोबार इकाई जियो इन्फोकॉम का कस्टमर बेस बढ़कर 48.97 करोड़ हो गया. मार्च के अंत में यह 48.18 करोड़ था.
इस दौरान जियो का प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू (ARPU) 180.5 रुपये से बढ़कर 181.7 रुपये हो गया. जियो का नेट प्रॉफिट 11.7 प्रतिशत बढ़कर 5,698 करोड़ रुपये हो गया. रिलायंस के अनुसार प्रति व्यक्ति डेटा खपत बढ़कर 30.3 जीबि प्रति माह हो गई. इस तरह डेटा ट्रैफिक के मामले में जियो ग्लोबल लेवल पर सबसे बड़ा ऑपरेटर बन गया है. इसके अलावा जियो ग्राहकों के मामले में चीन के बाहर सबसे बड़ा 5G सर्विस प्रोवाइडर बन गया है. कंपनी का खुदरा कारोबार से लाभ 4.6 प्रतिशत बढ़कर 2,549 करोड़ रुपये हो गया. जून तिमाही में इसके स्टोर की संख्या बढ़कर 18,918 हो गई जबकि मार्च अंत में यह संख्या 18,836 थी.