मकान मालिकों के लिए `लक्ष्मण रेखा`, किरायेदार की इजाजत से मिलेगी घर में एंट्री, रेंट पर रहने वाले जान लें अपने अधिकार
टाइम पर किराया देने के बाद भी अगर मकान मालिक के किचकिच से आप परेशान हैं तो आपको अपने अधिकारों के बारे में जान लेना चाहिए। बात-बात पर अगर मकान मालिक घर से निकालने की धमकी देता है, घर में मेहमानों के आने पर नारागजी दिखाता है, बिना आपकी मर्जी के जब चाहे आपके घर में घुस जाता है तो
नई दिल्ली: टाइम पर किराया देने के बाद भी अगर मकान मालिक के किचकिच से आप परेशान हैं तो आपको अपने अधिकारों के बारे में जान लेना चाहिए। बात-बात पर अगर मकान मालिक घर से निकालने की धमकी देता है, घर में मेहमानों के आने पर नारागजी दिखाता है, बिना आपकी मर्जी के जब चाहे आपके घर में घुस जाता है तो आप उन्हें रोक सकते है , लेकिन इसके लिए जरूरी है कि किरायेदार के तौर पर आपको अपने अधिकारों के बारे में जानकारी हो।
क्या है किराएदार के अधिकार
जब तक आप फ्लैट का किराया दे रहे हैं, आप उस फ्लैट के मालिक हैं। भारत में किरायेदारों के लिए अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं। किराएदार के पास वो सब अधिकार हैं, जो संपत्ति के मालिक के पास होते हैं।किराए पर कोई भी घर लेने से पहले रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवा लें। बिना रेंट एग्रीमेंट के आप मुश्किल में फंस सकते हैं। एक बार रेंट एग्रीमेंट बनने के बाद मकानमालिक बिना किरायेदार की जानकारी के उसमें कोई बदलाव नहीं कर सकता है। बिना आपकी मर्जी के मकानमालिक किरायेदार के घर में नहीं घुस सकता है। किरायेदार की अनुमति के बाद ही वो उस फ्लैट में प्रवेश कर सकता है। रेंट एग्रीमेंट में सभी शर्तों का लिखित तौर पर होना जरूरी है। अगर उसमें सारी शर्तें नहीं लिखी है तो टेनेंसी एक्ट 2021 को माना जाएगा। अक्सर मकानमालिक और किरायेदार के बीच घर में टूट-फूट को लेकर विवाद होता है। टूट की मरम्मत कौन करवाएगा, इसे लेकर विवाद होता है। आपको बता दें कि छोटी-मोटी टूट-फूट की जिम्मेदारी किरायेदार की होती है। वहीं बिल्डिंग से संबंधी किसी भी बड़ी टूट के मरम्मत की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है। अगर वो टूट किरायेदार के कारण हुई है तो फिर वो उसे ही ठीक करवाना होगा।
आने-जाने पर पाबंदी लगाना गलत
कई मकान मालिक किराएदार के आने-जाने पर पाबंदी लगाते हैं। रात को लौटने का समय तय कर देते हैं। आपको बता दें कि समय की पाबंदी को लेकर कोई कानून नही हैं। वहीं पार्किंग को लेकर भी अक्सर विवाद होता है । समय और पार्किंग को लेकर दोनों आपसी सहमति से ही बात को सुलझा सकते हैं। कई बार पेट्स रखने को लेकर मकान मालिक पर निर्भर करता है कि वो आपको घर में पालतू जानवर रखने की सहमति देते हैं कि नहीं।
घर खाली कराने को लेकर नियम
भले ही मकान मालिक आपको बार-बार घर खाली करवाने की धमकी देता हो, लेकिन इसे लेकर नियम तय है। रेंट एग्रीमेंट में तय शर्तें से परे मकान मालिक आपसे घर खाली नहीं करवा सकते हैं। रेंट एग्रीमेंट में घर खाली करवाने के नियम तय होते हैं। मकान मालिक को घर खाली करवाने से पहले एक महीने का नोटिस पीरियड देना होगा। किराएदार के पास अधिकार है कि वो घर खाली करने से पहले अपनी एडवांस जमा को वापस मांग सकता है या किराए में एडजस्ट कर सकता है। अगर किराएदार की मौत हो जाती है तो उनका परिवार या कानूनी उत्तराधिकारी उस घर में समान अधिकार के साथ रह सकता है।