लखनऊ: छोटे सिक्के और कटे-फटे नोटों को लेकर ग्राहकों को आ रही परेशानी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने अपने तेवर सख्त किए हैं. इसके लिए रिजर्व बैंक की तरफ से छोटे नोट या सिक्कों के बैंक द्वारा पांच बार मना किए जाने पर दंड का प्रावधान रखा गया है. 


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रिजर्व बैंक के चीफ जनरल मैनेजर मानस रंजन महान्ति ने कहा कि सिक्कों और कटे-फटे नोटों को लेकर बैंकों को निर्देश जारी किए गए हैं. आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि ग्राहक सेवाओं में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए. अगर लापरवाही देखने को मिलती है तो यह इस बात का संकेत है कि बैंक अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से पूरा नहीं कर रहे हैं. बैंकों के ऊपर इसमें दंड का प्रावधान भी है.


उन्होंने कहा कि कोई भी बैंक काउंटरों पर लाए गए छोटे मूल्य के नोट या सिक्के को लेने से इनकार नहीं कर सकता. नोटों का मतलब 50 रुपये या इससे छोटे नोट से है. यह जिम्मेदारी बैंक के क्षेत्रीय मुख्यालय की होगी कि उनकी सभी शाखाएं नोट और सिक्कों को लेकर ग्राहकों को पूरी सेवा दे रही हैं. कोई भी बैंक शाखा किसी दूसरी शाखा या बैंक ग्राहक को केवल इस आधार पर वापस नहीं कर सकती है कि वह उसका ग्राहक नहीं है.