RBI एमपीसी की मीटिंग आज से, रेपो रेट में इस बार किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं
Rbi MPC Meeting Today: रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर आरबीआई ने मई, 2022 में नीतिगत दर में इजाफा करना शुरू किया था. मई से पहले रेपो रेट 4 प्रतिशत के स्तर पर था. इस साल फरवरी में रेपो रेट बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गया.
Repo Rates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू हो रही है. घरेलू महंगाई दर में जुलाई में 7.4% तक की वृद्धि देखी गई. हालांकि बाद में अगस्त में यह गिरकर 6.8% हो गई. उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर तक गिरकर यह 5.5% की तरफ बढ़ जाएगी. हालांकि यह 4% के लक्ष्य से काफी ऊपर है. क्रूड ऑयल की कीमत में 10% से ज्यादा की वृद्धि के साथ बाहरी क्षेत्र के जोखिम बढ़ गए हैं.
पहले भी किसी तरह का बदलाव नहीं किया
आरबीआई की तरफ से पेश किए जाने वाले एमपीसी (RBI MPC Meeting) के नतीजों को इस बार 6 अक्टूबर (शुक्रवार) को पेश किया जाएगा. इस बार एमपीसी में प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट (Repo Rates) को 6.5 प्रतिशत के पुराने स्तर पर ही कायम रखा जा सकता है. यानी खुदरा और कॉरपोरेट कर्जदारों के लिए ब्याज दरें पुराने स्तर पर ही बनी रहेंगी. इससे पहले जून के पहले हफ्ते में संपन्न हुई एमपीसी में रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया.
मई, 2022 से नीतिगत दर में इजाफा शुरू हुआ
आपको बता दें रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर आरबीआई ने मई, 2022 में नीतिगत दर में इजाफा करना शुरू किया था. मई से पहले रेपो रेट 4 प्रतिशत के स्तर पर था. इस साल फरवरी में रेपो रेट बढ़कर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गया. इसके बाद से लगातार पिछली तीन द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया और इसे स्थिर रखा गया. आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में शुरू होने वाली बैठक के नतीजों की घोषणा 6 अक्टूबर (शुक्रवार) को की जाएगी.
6.5 प्रतिशत पर बरकरार रहने की उम्मीद
हाल ही में बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा था कि इस बार की मौद्रिक नीति में मौजूदा दर संरचना के साथ ही नीतिगत रुख के जारी रहने की संभावना है. इसलिए रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी जाएगी. उन्होंने कहा खुदरा मुद्रास्फीति अब भी 6.8 प्रतिशत के उच्चस्तर पर है. सितंबर और अक्टूबर के आंकड़ों में गिरावट आने की उम्मीद है. लेकिन खरीफ उत्पादन को लेकर बनी आशंका से कीमतें बढ़ सकती हैं.
हर 2 महीने में होती है मीटिंग
रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की तरफ से हर 2 महीने में यह मीटिंग की जाती है. इस मीटिंग को 3 दिन के लिए किया जाता है और तीसरे दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर कमिटी के फैसले की घोषणा करते हैं. इस बार बैठक आज से यानी 4 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रही है और 6 अक्टूबर को पॉलिसी की घोषणा की जाएगी.