Resourceful Automobile IPO: दिल्ली की एक छोटी बाइक डीलरश‍िप रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल (Resourceful Automobile) को 12 करोड़ के आईपीओ के ल‍िए 4800 करोड़ रुपये की बोल‍ियां म‍िली हैं. कंपनी को न‍िवेशकों के म‍िले जबरदस्‍त र‍िस्‍पांस से बाजार के जानकार भी हैरान हैं. यह डीलरशिप 'साहनी ऑटोमोबाइल्स' (Sawhney Automobiles) के नाम से यामहा के दो शोरूम को ऑपरेट करती है. कंपनी के पास 8 कर्मचार‍ियों का छोटा सा स्‍टॉफ है. कंपनी के आईपीओ को 400 गुना बोल‍ियां म‍िलने का कारण मार्केट एनाल‍िस्‍ट भी समझ नहीं पा रहे हैं.


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117 रुपये का इश्‍यू प्राइस


रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल की तरफ से 22 अगस्त को अपना आईपीओ लॉन्च किया था. इसे 117 रुपये के इश्‍यू प्राइस पर पेश क‍िया गया. कंपनी का मकसद 10.2 लाख शेयरों की पेशकश करके 11.99 करोड़ रुपये इकट्ठा करना था. यह इश्‍यू 117 रुपये के फ‍िक्‍स प्राइस पर जारी क‍िया गया था. रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला है. यह ऑफर किए गए शेयरों से 398 गुना ज्यादा है. कंपनी ने अपने आईपीओ डॉक्यूमेंट में कई बिजनेस रिस्क के बारे में बताया था.


कंपनी ने बताया बिजनेस र‍िस्‍क
कंपनी की तरफ से बताया गया था क‍ि सरकार की तरफ से जुर्माना लग सकता है, कंपनी के रिश्तेदारों के साथ लेनदेन ज्यादा हैं. कंपनी पर बहुत ज्यादा लोन है और अक्टूबर 2023 तक कंपनी के पास 19.33 लाख रुपये का न‍िगेट‍िव कैश फ्लो था. इसके बावजूद निवेशकों ने आईपीओ को र‍िकॉर्ड र‍िस्‍पांस द‍िया है. इस आईपीओ को खुलने के पहले द‍िन 10.35 गुना सब्सक्राइब किया गया. दूसरे दिन इसे 74.13 गुना और तीसरे व अंतिम दिन बोली लगाने तक यह आंकड़ा 418.27 गुना तक पहुंच गया.


कंपनी का दो शोरूम खोलने का प्‍लान
आईपीओ मैनेज करने वाले मर्चेंट बैंकर स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट (Swastika Investmart) ने इसे मीड‍ियम सब्सक्रिप्शन लेवल की उम्मीद के साथ इसकी स्‍पेशल एसएमई पेशकश के रूप में मार्केट‍िंग की थी. रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल को आईपीओ से म‍िलने वाली रकम का इस्तेमाल 40% कर्ज चुकाने के लिए, 30% कामकाज के लिए और 19% दो नए शोरूम खोलने के लिए किया जाएगा.


क्‍यों टूट पड़े न‍िवेशक
बाजार के जानकारों का कहना है क‍ि छोटी रकम के आईपीओ पर न‍िवेशकों की तरफ से जबरदस्‍त रुच‍ि द‍िखाना बाजार के ल‍िए अच्‍छा है. इस कंपनी के आईपीओ में लोगों की तरफ से जबरदस्‍त पैसा लगाया गया है. न‍िवेशकों की तरफ से जबरदस्‍त र‍िस्‍पांस द‍िखाने का कारण छोटा आईपीओ भी हो सकता है. इससे यह साफ है क‍ि भारतीय बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है.