Ruchi Soya के FPO ने शेयर मार्केट में मचाई धूम, निवेशकों को मिला शानदार रिटर्न
बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के पंतजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के स्वामित्व वाली Ruchi Soya के FPO ने शेयर मार्केट में धूम मचा दी है. इस FPO में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को शानदार रिटर्न मिला है.
नई दिल्ली: Ruchi Soya के FPO ने शेयर बाजार में धूम मचा दी. इस FPO में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को शानदार रिटर्न मिला है. Ruchi Soya का FPO 855 रुपये प्रति शेयर पर खुला है, जिसमें इश्यू प्राइस पर 205 रुपये का प्रीमियम है. बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved)के स्वामित्व वाली Ruchi Soya ने FPO के अनुसार कुल 4,300 करोड़ रुपये की राशि के लिए 6,61,53,846 इक्विटी शेयरों के आवंटन को मंजूरी दी थी.
615 से 650 रुपये प्रति शेयर था प्राइस बैंड
दरअसल, Ruchi Soya के FPO का प्राइस बैंड 615 से 650 रुपये प्रति शेयर तय किया था. अपर प्राइस बैंड के हिसाब से निवेशकों को एक लॉट के लिए 13,650 रुपये लगाने पड़े थे. आज नए शेयरों की लिस्टिंग 855 रुपये पर हुई. इस हिसाब से एक लॉट FPO में शेयर अलॉटमेंट वालों को 4000 रुपये से ज्यादा का लिस्टिंग गेन मिला है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में FPO लिस्टिंग समारोह में योग गुरु रामदेव, आचार्य बालकृष्ण मौजूद थे.
ये भी पढ़ें- अब किसी भी ATM से बिना कार्ड के निकाल पाएंगे पैसे, RBI गवर्नर ने किया ये बड़ा ऐलान
निवेशकों की हुई बंपर कमाई
रुचि सोया के FPO के जरिए जिन नए शेयरों की लिस्टिंग हुई, उन्होंने निवेशकों की बंपर कमाई कराई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, लिस्टिंग के बाद रुचि सोया के नए शेयर का भाव 8 फीसदी तक चढ़ा है. BSE पर लिस्टिंग के बाद ये शेयर 882.55 के लेवल तक गया और 7.77 फीसदी का रिटर्न दिया. वहीं NSE पर शेयर का भाव 885 रुपये तक चढ़ा.
ये भी पढ़ें- देश में बढ़ती महंगाई के बीच RBI का बड़ा फैसला, रेपो रेट को लेकर हुआ ये ऐलान
FPO में 9 फीसदी की हिस्सेदारी बेचेगी कंपनी
बता दें कि एडिबल ऑयल फर्म रुचि सोया (Ruchi Soya) 24 मार्च को अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) लेकर आई. कंपनी का लक्ष्य इसके साथ 4,300 करोड़ रुपये जुटाने का था. कंपनी के प्रमोटर्स के पास फिलहाल कंपनी के 99 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी अपने इस FPO में करीब 9 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. SEBI के नियमों के मुताबित, कंपनी को कम से कम 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग हासिल करने के लिए प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कम करनी होगी. प्रमोटर्स की हिस्सेदारी को घटाकर 75 फीसदी करने के लिए उसके पास करीब 3 साल का समय है.