Loan Recovery Rule: क्या है लोन रिकवरी के नियम? बैंक एजेंट वसूली के लिए दे धमकी तो तुरंत करें ये काम, जानें नियम
RBI: लोन रिकवरी के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सख्त नियम बना रखे हैं और बैंक को इसका पालना करना जरूरी है. वहीं अगर कोई लोन रिकवरी एजेंट किसी से लोन वसूल करने के लिए डराए धमकाए तो लोगों के पास कुछ कानूनी अधिकार भी होते हैं, जिनको जान लेना चाहिए.
Loan: लोग अक्सर जरूरत पड़ने पर बैंक से लोन लेते हैं. बैंक जब भी कोई लोन देता है तो उस पर ब्याज भी वसूल करता है. हालांकि कई बार ऐसे मौके आते हैं जब लोग बैंकों का लोन नहीं चुका पाते हैं. ऐसे में बैंकों की ओर से लोन वसूली के लिए रिकवरी एजेंट भेजे जाते हैं. वहीं कई बार रिकवरी एजेंट लोन लेने वाले शख्स को लोन चुकाने के लिए धमकाते हैं और उन पर दबाव बनाते हैं, जो कि सही प्रक्रिया नहीं है. ऐसे में रिकवरी एजेंट से रिलेटेड भी कुछ नियम है जो कि लोगों को जानना काफी जरूरी है.
लोन
लोन रिकवरी के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सख्त नियम बना रखे हैं और बैंक को इसका पालना करना जरूरी है. वहीं अगर कोई लोन रिकवरी एजेंट किसी से लोन वसूल करने के लिए डराए धमकाए तो लोगों के पास कुछ कानूनी अधिकार भी होते हैं, जिनको जान लेना चाहिए. जब कोई शख्स लोन नहीं चुका पाता है तो बैंक की ओर से पहले नोटिस भेजा जाता है.
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रिकवरी एजेंट
वहीं कुछ मामलों में लोन रिकवरी एजेंट के जरिए ग्राहकों से संपर्क किया जाता है. ऐसे में कई बार लोन रिकवरी एजेंट ग्राहकों से बुरा बर्ताव करते हैं और डराते-धमकाते हैं. जिसको लेकर नियम के मुताबिक सबसे पहले इसकी शिकायत पुलिस में करनी चाहिए. नियमों के मुताबिक लोन न चुका पाने का मामला सिविल मामलों में आता है, ऐसे में डिफॉल्टर के साथ कोई मनमानी नहीं की जा सकती है.
लोन रिकवरी
लोन रिकवरी के लिए बैंक अधिकारी या रिकवरी एजेंट लोन लेने वाले डिफॉल्टर को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच में ही कॉल कर सकता है. वहीं अगर लोन के सिलसिले में डिफॉल्टर के घर जाना है तो उसका वक्त भी यही रहेगा. अगर इस टाइमिंग को बैंक अधिकारी या रिकवरी एजेंट तोड़ते हैं और इस वक्त के अलावा अन्य किसी वक्त पर कॉल करते हैं या घर पर पहुंचते हैं तो लोन लेने वाला शख्स पुलिस से या RBI इसकी शिकायत कर सकता है.
ईएमआई
बता दें कि लोन की दो EMI नहीं चुकाने पर बैंक रिमाइंडर भेजता है. तीसरी EMI का भुगतान नहीं करने पर बैंक कानूनी नोटिस भेजगा. साथ ही पेमेंट नहीं करने पर बैंक लोन लेने वाले शख्स को डिफॉल्टर भी घोषित कर सकता है. वहीं नोटिस के बाद रिकवरी एजेंट के जरिए लोन लेने वाले शख्स से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाती है.
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