SBI Deposit Rate War: स्‍टेट बैंक ऑफ इंड‍िया (SBI) के नए चेयरमैन सीएस शेट्टी ने कहा कि बैंकिंग स‍िस्‍टम में सेव‍िंग बढ़ाने का दबाव कुछ और समय तक जारी रहने का अनुमान है. हालांक‍ि उन्‍होंने यह कहा क‍ि देश का सबसे बड़ा बैंक नकदी जुटाने के लिए ‘ब्याज दर युद्ध’ (Interest Rate War) में नहीं उतरेगा. उन्होंने कहा कि इसके बजाय बैंक जमा वृद्धि के लिए अपनी ग्राहक सेवा और व्यापक नेटवर्क पर जोर देगा. दो द‍िन पहले पद संभालने के बाद शेट्टी ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में कहा ‘नकदी बढ़ाने को लेकर कंप्‍टीशन कुछ समय तक जारी रहने का अनुमान है.’


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बैंक की ताकत पर आगे बढ़ने की योजना बना रहे


उन्होंने कहा कि बैंक वित्त वर्ष 2024- 25 में 14-16 प्रतिशत की लोन में इजाफे का लक्ष्‍य लेकर चल रहा है. अपनी देनदारियों के बेस को देखते हुए 8-10 प्रतिशत की नकदी जमा वृद्धि के साथ इसे आसानी से बनाए रखा जा सकता है. शेट्टी ने इस दौरान कहा क‍ि वह बैंक की ताकत पर आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि इसका लेजर अकाउंट मजबूत है. उन्होंने यह भी कहा कि बैंक नवंबर में एक सीमित यूजर ग्रुप के बीच लंबे समय बाद यूनो 2.0 को पेश करने की तैयारी कर रही है. उसके बाद सभी के लिए इसे व्यापक रूप से पेश किया जाएगा.


रेपो रेट लगातार नौंवी बार 6.5 प्रत‍िशत पर
उन्होंने कहा कि बैंक अपने र‍िटेल बिना गारंटी वाले लोन का 90 प्रतिशत डिजिटल मीड‍ियम से हासिल करने का प्‍लान कर रहा है. आपको बता दें अगस्‍त के पहले हफ्ते में हुई एमपीसी की बैठक के दौरान आरबीआई ने लगातार नौंवी बार रेपो रेट को 6.5 प्रत‍िशत पर बरकरार रखा है. बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से आरबीआई ने अभी तक रेपो रेट में कटौती नहीं की है. जानकारों को उम्‍मीद है अक्‍टूबर में होने वाली एमपीसी के दौरान ब्‍याज दर में कटौती को लेकर फैसला हो सकता है.


क्‍या है ब्‍याज दर युद्ध
दूसरी तरफ शेयर बाजार और म्‍यूचुअल फंड की तरफ से न‍िवेशकों के आकर्ष‍ित होने से बैंकों की जमा दर नीचे आ गई है. इसका असर आने वाले समय में बैंकों के प्रॉफ‍िट पर देखने को म‍िल सकता है. प‍िछले द‍िनों आरबीआई गवर्नर और वित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने बैंक प्रमुखों के साथ मीट‍िंग में न‍िवेशकों को आकर्ष‍ित करने के लिए अपने स्‍तर पर योजनाएं और आकर्षक ब्‍याज दर पेश करने के लि‍ए कहा था. आरबीआई गवर्नर ने कहा था क‍ि बैंक क‍िस तरह अपनी जमा दर को बढ़ाते हैं यह वे खुद से तय कर सकेंगे. इसके बाद कई बैंकों ने आकर्षक ब्‍याज दर का ऑफर पेश क‍िया है, ज‍िससे बैंकों के बीच ब्‍याज दर को लेकर ‘ब्याज दर युद्ध’ (Interest Rate War) शुरू हो गया है.