FD करने का सबसे अच्छा समय...SBI चेयरमैन ने बताया इस महीने से कम हो जाएगी ब्याज दर
Dinesh Kumar Khara: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच महंगाई पर फोकस करते हुए लगातार आठवीं बार अपनी प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही कायम रखा है.
SBI FD Rates: आरबीआई (RBI) ने महंगाई दर पर लगाम लगाने के लिए साल 2022 में रेपो रेट बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया. हालांकि एक साल से भी ज्यादा समय से इसमें किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की गई है. लेकिन रेपो रेट में किये गए इजाफे का असर यह हुआ कि ब्याज दर अपने हाई लेवल पर हैं. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि डिपॉजिट पर ब्याज दरें अपने हाई लेवल पर हैं और वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इनके नीचे आने की उम्मीद है.
RBI से अक्टूबर में रेपो रेट कम कर सकता है
देश के पब्लिक सेक्टर के प्रमुख बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से ब्याज दर चक्र को आसान बनाना शुरू कर सकता है. पिछले हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मजबूत आर्थिक वृद्धि के बीच महंगाई पर फोकस करते हुए लगातार आठवीं बार अपनी प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को पुराने स्तर पर ही कायम रखा है. खारा ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अक्टूबर से शुरू होने वाली तीसरी तिमाही में शायद महंगाई के 4 प्रतिशत की ओर बढ़ने की कुछ संभावना होगी, और वह सही समय होगा जब हम आरबीआई से नीतिगत दर में कुछ कटौती की उम्मीद कर सकते हैं.’
कुछ केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दर कम की
स्विट्जरलैंड, स्वीडन और कनाडा जैसी अच्छी इकोनॉमी वाले कुछ केंद्रीय बैंकों ने साल 2024 के दौरान दरों को कम करना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें पहले ज्यादा थीं. लेकिन अब ये उम्मीदें कम हो गई हैं. जहां तक बैंकिंग सिस्टम में ब्याज दर का मामला है, खारा ने कहा कि ये पहले ही अपने हाई पर चल रही हैं.
उन्होंने कहा, 'आगे जाकर, हमें कुछ मामूली बदलाव देखने को मिलेंगे...मुझे लगता है, ब्याज दर में मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में गिरावट देखने को मिल सकती है. पिछले महीने एसबीआई ने चुनिंदा शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी वाली एफडी पर पर ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत तक की वृद्धि की थी. रिटेल एफडी के तहत 46-179 दिन की जमा पर ब्याज दर को 0.75 प्रतिशत बढ़ाकर 5.50 प्रतिशत कर दिया गया है. पहले यह 4.75 प्रतिशत थी.