SBI Bank: देश में गरीबों के कल्याण के लिए कई प्रकार की स्कीम चल रही है. इन स्कीम के जरिए लोगों को काफी लाभ भी दिया जा रहा है. वहीं इनमें मनरेगा भी एक स्कीम है, जिसके जरिए सरकार की ओर से लोगों को काफी फायदा पहुंचाया जा रहा है. साथ ही इस स्कीम में अब महिलाओं की भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जा रही है. अब महिलाओं की इस योजना में संख्या बढ़ाने को लेकर वकालत की गई है.


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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में ज्यादा महिलाओं को शामिल करने की वकालत की गई है. इसमें कहा गया है कि इससे महिलाओं को औपचारिक बैंक प्रणाली में लाया जा सकेगा. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों की तरफ से तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिणी राज्य मनरेगा के तहत अधिक महिलाओं को भागीदारी दे रहे हैं और प्रधानमंत्री जन धन योजना के लाभार्थियों में भी महिलाओं की भागीदारी बेहतर है.


जन धन योजना में भी महिला लाभार्थी
रिपोर्ट के मुताबिक, मनरेगा के तहत जिन राज्यों में महिलाओं की भागीदारी कम है, वहां पर जन धन योजना में भी महिला लाभार्थियों की संख्या कम है. इससे महिला सशक्तीकरण के दोनों माध्यमों के बीच एक सकारात्मक संबंध का पता चलता है. इसमें कहा गया है, "ऐसी स्थिति में मनरेगा के तहत अधिक महिलाओं को शामिल करने की कोशिश की जानी चाहिए ताकि सभी महिलाओं को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली में लाया जा सके."


कुल प्रति व्यक्ति जमा में बढ़ोतरी
वहीं पिछले कुछ सालों में महिलाओं के जरिए जमा की गई राशि में भी उछाल देखने को मिला है. पिछले पांच वित्त वर्षों में महिलाओं की कुल प्रति व्यक्ति जमा में 4,618 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसमें ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की भागीदारी अधिक है. (इनपुट: भाषा)