Jaypee Builder: देश के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कर्ज में डूबी कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (Jaiprakash Associates Ltd-JAL) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) का रुख किया है. एसबीआई (SBI) ने एनसीएलटी (NCLT) की इलाहाबाद पीठ के समक्ष दायर अपनी अर्जी में कहा कि 15 सितंबर, 2022 तक जेएएल (JAL) पर उसका कुल बकाया 6,893.15 करोड़ रुपये है.


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26 बड़े ड‍िफाल्‍टर कंपनियों की सूची में शामिल
इसके अलावा बैंक ने कर्जदार कंपनी के अंतरिम समाधान पेशेवर के तौर पर भुवन मदन का नाम प्रस्तावित किया है. जेपी समूह की प्रतिनिधि कंपनी जेएएल अगस्त, 2017 में रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी 26 बड़ी ड‍िफाल्‍टर कंपनियों की सूची में शामिल थी और उसके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई थी.


15 सिंतबर तक कुल देनदारी 6,892.47 करोड़ रुपये
इस बारे में संपर्क करने पर जेएएल ने कहा कि उसने बकाया कर्ज को चुकाने के लिए अपने सीमेंट कारखानों की बिक्री की है और कर्जदाताओं की चिंताएं दूर करने के लिए वह आगे भी कदम उठाएगी. जेएएल ने कहा कि 15 सिंतबर तक एसबीआई (SBI) को 6,892.47 करोड़ रुपये की कुल देनदारी बनती है. इसमें ब्याज एवं अन्य व्यय भी शामिल हैं.


एसबीआई ने कहा है कि जेएएल की तरफ से कर्ज पुनर्भुगतान में बार-बार चूक की गई और कर्ज का पुनर्गठन किए जाने के बावजूद अनियमितता जारी रही. बैंक ने कहा, 'ऐसी स्थिति में कर्जदार कंपनी के खिलाफ कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू किए जाने का मामला बनता है.' इसके साथ ही बैंक ने एनसीएलटी से ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (IBC) की धारा सात के तहत जेएएल के खिलाफ ऋण स्थगन का आदेश देने की भी मांग की है.



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