SBI MCLR: दिवाली के 15 दिन बाद SBI ने दिया झटका, आज से ही बदला यह नियम; आप पर भी होगा असर?
MCLR: बैंक की तरफ से पिछले दिनों भी दो बार एमसीएलआर में बदलाव किया गया है. इस बार बैंक की तरफ से एक साल वाली एमसीएलआर में भी इजाफा किया गया है. इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन के ब्याज पर पड़ेगा.
SBI Interest Rate: अगर आपने भी पब्लिक सेक्टर के सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से लोन लिया है लोन लेने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, एसबीआई (SBI) ने अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित लोन दर (MCLR) में 0.05 प्रतिशत के इजाफे का ऐलान किया है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार एक साल की एमसीएलआर (MCLR) को 0.05 प्रतिशत बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है. बैंक ने नए नियम को 15 नवंबर से लागू कर दिया है.
एमसीएलआर के बेस पर तय होती है ब्याज दर
एक साल की एमसीएलआर दर से ही पर्सनल, व्हीकल और होम लोन के लिए ब्याज दर तय होती है. इससे साफ तौर पर कह सकते हैं कि बैंक की तरफ से लोन की ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया गया है. बैंक ने पिछले दिनों दो बार एमसीएलआर में इजाफा किया है. बैंक के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि बैंक का 42 प्रतिशत लोन सेग्मेंट एमसीएलआर से जुड़ा है, जबकि बाकी बाहरी बेंचमार्क पर बेस्ड है. उन्होंने यह भी साफ किया कि बैंकिंग सिस्टम में जमा दरें अपने हाई लेवल पर हैं.
तीन और छह महीने वाले MCLR में भी किया था बदलाव
एसबीआई की तरफ से तीन और छह महीने की एमसीएलआर दन में भी बढ़ोतरी की गई है. एक दिन, एक महीने, दो साल और तीन साल की अवधि की एमसीएलआर (MCLR) को कायम रखा गया है. हालिया बढ़ोतरी के बाद तीन महीने और छह महीने के लिए MCLR क्रमशः 8.55 प्रतिशत (पहले 8.50 प्रतिशत) और 8.90 प्रतिशत (8.85 प्रतिशत) हो गया है. इसके अलावा एक साल वाला MCLR बढ़कर 9 प्रतिशत (8.95 प्रतिशत) हो गया. बाकी अवधि वाले MCLR में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2024 में बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले लोन पर ब्याज दर (MCLR) सितंबर महीने की तरह ही 8.95% रही. यानी पिछले महीने की तुलना में इस महीने बैंकों से लोन लेने पर आपको पहले जितना ब्याज ही देना होगा.
एमसीएलआर क्या है?
एमसीएलआर एक ऐसी दर है जो बैंक द्वारा तय की जाती है. यह दर उस अतिरिक्त लागत पर आधारित होती है, जो बैंक को एक अतिरिक्त रुपया उधार लेने में लगती है. इस दर के आधार पर ही बैंक अपने ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के लोन जैसे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि देते हैं.