नई दिल्लीः देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई जल्द ही कोरोना वायरस महामारी से सबक लेते हुए 1000 करोड़ रुपये की बचत करने जा रहा है. बैंक पूरे देश में वर्क फ्रॉम एनीवेयर इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करेगा. इससे बैंक कर्मियों के बीच भी वर्क लाइफ बैलेंस काफी बढ़ जाएगा. 


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बैंक की 65वीं एजीएम में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि उनका फोकस लागत में कटौती, युक्तिसंगत बनाने, वर्कफोर्स की री-स्कीलिंग करने, स्टाफ की उत्पादकता बढ़ाने और एडमिन ऑफिसों से वर्कफोर्स को सेल्स रोल में ले जाने पर है. जैसा कि COVID-19 महामारी अभी भी चल रही है, FY21 किसी अन्य बैंक या वित्तीय संस्थान की तरह बैंक के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष है. ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए बैंक अच्छी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि बैंक ने कार्यान्वयन के तहत सभी परियोजनाओं की अपनी निगरानी बढ़ा दी है और उम्मीद है कि लघु अवधि में कोविड-19 के प्रभाव को कम किया जाएगा.


योनो पर रहेगा ज्यादा फोकस
कुमार ने एजीएम में कहा कि महामारी ने संपर्क रहित डिजिटल बैंकिग माध्यमों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया है. बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप एसबीआई योनो (SBI YONO) ने पहले ही एक बड़ी ग्रोथ प्राप्त कर ली है. उन्होंने कहा कि बैंक योनो को और आगे बढ़ाएगा और उसने अगले छह महीने में यूजर रजिस्ट्रेशन को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है.


इसके साथ ही बैंक ने एक बिजनेस कंटिन्यूटी प्लान तैयार किया है. इसमें कुछ ऐसी शाखाएं रखी जाएंगी जो ग्राहकों की इमरजेंसी में मदद कर सकें. इसके साथ ही बैकएंड पर सेवाओं की मजबूती के लिए कुछ साइट्स तैयार की जाएंगी. कैश फ्लो आधारित कर्ज मॉडल अपनाया जाएगा, जिससे ग्राहकों को त्वरित लोन मिल सकेगा. 


एसबीआई के फिलहाल पूरे देश में 44 करोड़ ग्राहक हैं. इसके अलावा बैंक का लोन पोर्टफोलियो भी काफी बड़ा है, जिसके जरिए वो महामारी से उपजी परिस्थितियों पर काबू पा लेगा. 


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