SEBI Chairperson: कभी ICICI बैंक में काम कर चुकी सेबी प्रमुख अपने पुराने सहयोगी चंदा कोचर को बचाने में जुटी है. जब देश की सभी बड़ी जांच एजेंसी चंदा कोचर के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, वैसे में सेबी बीते 2 वर्षों से चंदा कोचर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. दिलचस्प बात तो ये है कि जिसपर चंदा कोचर के खिलाफ ऑर्डर जारी करने का जिम्मा है वो चंदा कोचर का ICICI बैंक में जूनियर रह चुका है और उसकी नियुक्ति सेबी में सेबी प्रमुख की राय से हुई हैं.  एक के बाद एक कई आरोपों से घिरी SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच पर ICICI बैंक को फेवर करने का लगातार आरोप लगता रहा है.अभी तक आरोपों में ये खुलासा हुआ है कि ICICI बैंक के साथ सेबी प्रमुख का संबंध प्रोफेशनल्स से ज्यादा पर्सनल है. जी ग्रुप की ताजा पड़ताल में ये साफ हुआ है कि सेबी प्रमुख को जब भी मौका मिला उन्होंने ICICI ग्रुप को हर तरीके से मदद करने की कोशिश की है.  


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ताजा जानकारी मुताबिक ये साफ होता है कि माधबी पुरी बुच ने अपनी पुरानी साथी और ICICI बैंक की पूर्व एमडी और CEO चंदा कोचर को बचाने की हर संभव कोशिश की है .बीते कुछ वर्षों में देश की सभी बड़ी जांच एजेंसियों ने चंदा कोचर के खिलाफ एक्शन लिया लेकिन सेबी पिछले 2 वर्षों से इस मामले में कोई ऑर्डर जारी नहीं कर रहा है. बल्कि इस मामले को लगातार आगे टाल रहा है. दिलचस्प बात ये है कि सेबी ने इस मामले में ऑर्डर जारी करने की जिम्मेदारी चंदा कोचर के जूनियर पर ही दे डाली है. आपको माधबी पुरी बुच के मामले में सेबी के अभी तक के कार्रवाई के बारे बताते हैं.


सेबी ने सबसे पहले शो कॉज नोटिस भेजने में समय लगाया, फिर नोटिस गलत भेजा जिसको चंदा कोचर ने कोर्ट में चुनौती दी. इसी दौरान 2022 में चंदा कोचर के जूनियर और ICICI बैंक के ग्रुप जनरल काउंसिल प्रमोद राव सेबी का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बना दिया गया. जब प्रमोद राव सेबी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया था उस समय कई और ब्यूरोक्रेट्स ने सेबी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद के लिए आवदेन दिया था. लेकिन सभी आवेदनों को दरकिरनार कर ICICI बैंक के प्रमोद राव को सेबी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बना दिया गया.  


इसके बाद सेबी प्रमुख ने खुद को चंदा कोचर मामले से अलग करते हुए इस मामले में ऑर्डर पास करने कि जिम्मेदारी ICICI बैंक से सेबी में आए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रमोद राव को सौंप दी . यहां दर्शकों को ये जानना जरूरी है कि प्रमोद राव चंदा कोचर के जूनियर के तौर पर काम कर चुके हैं. तो ऐसे में सवाल उठता है कि  


चंदा कोचर पर कार्रवाई क्यों नहीं ?  


  • क्या इसी वजह से चंदा कोचर पर ऑर्डर पास नहीं हो पा रहा ? 

  • क्या प्रमोद राव अपने पुराने बॉस को बचाना चाहते हैं ? 

  • प्रमोद राव की नियुक्ति में क्या पक्षपात किया गया ?

  • किस मजबूरी में ICICI बैंक के प्रमोद राव को सेबी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया ?


बता दें कि सेबी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की नियुक्ति में सेबी प्रमुख की राय आखिरी होती है.   सेबी प्रमुख की ओर से ICICI ग्रुप को फायदा पहुंचाने का सिलसिला यहीं नहीं रुका बल्कि चंदा कोचर के केस में ICICI बैंक को पार्टी ही नहीं बनाया और बाकी डायरेक्टर को भी छोड़ दिया.सेबी प्रमुख की ओर से ICICI ग्रुप को लेकर पक्षपात करने का सिलसिला अभी तक जारी है . मामला ICICI डायरेक्ट कि डी-लिस्टिंग से जुड़ा है . ICICI डायरेक्ट की डीलिस्टिंग में रिटेल निवेशकों को दरकिनार करते हुए सेबी ने डीलिस्टिंग को मंजूरी दे दी. अब परेशान छोटे निवेशक कोर्ट की चक्कर लगा रहे हैं.