'जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत', डेलॉयट ने बताया किस दर से बढ़ेगी देश की इकोनॉमी
Advertisement
trendingNow12442238

'जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत', डेलॉयट ने बताया किस दर से बढ़ेगी देश की इकोनॉमी

GDP growth rate of India: डेलॉयट ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. जबकि चालू वित्त वर्ष में 7-7.1 प्रतिशत के दायरे में रहेंगे.  

 

'जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत', डेलॉयट ने बताया किस दर से बढ़ेगी देश की इकोनॉमी

India's GDP growth rate: डेलॉयट ने भारत की जीडीपी को लेकर कहा है कि भारत निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच एक चमकता स्थान बना हुआ है. डेलॉयट दक्षिण एशिया के सीईओ रोमल शेट्टी ने कहा है कि देश विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि भारत में ‘बिग फोर’ अकाउंटिंग और परामर्श कंपनियों के सबसे युवा सीईओ शेट्टी ने कहा कि मुद्रास्फीति काफी हद तक नियंत्रण में है, ग्रामीण मांग में वृद्धि हुई है और वाहनों की बिक्री में सुधार हो रहा है.

उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि हम वृद्धि के मामले में (चालू वित्त वर्ष में) 7-7.1 प्रतिशत के दायरे में रहेंगे. आपके सामने कई प्रतिकूल परिस्थितियां हैं, कई अनुकूल परिस्थितियां हैं... लेकिन तथ्य यह है कि वैश्विक स्तर पर जो कुछ भी हो रहा है, उसके बावजूद भारत अब भी बेहतर स्थिति में है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि हम दुनिया से अलग हैं."

अगले वर्ष वृद्धि दर 6.7 रहने का अनुमान

रोमल शेट्टी ने आगे कहा कि पश्चिम एशिया और यूक्रेन में भू-राजनीतिक संकट तथा पश्चिमी दुनिया में मंदी का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि पर असर पड़ेगा. डेलॉयट के अनुमानों के अनुसार, अगले वित्त वर्ष (2025-26) में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की संभावना है. 

पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. शेट्टी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नरेन्द्र मोदी सरकार 3.0 निजीकरण सहित आर्थिक सुधारों को उसी गति से जारी रखेगी और सरकारी विभागों के भीतर काम पूरा करने के लिए जबर्दस्त प्रयास किए जाएंगे.

तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत

दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत इस दशक के भीतर पांच हजार अरब डॉलर तक विस्तारित होकर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. कच्चे तेल की कीमत में गिरावट कुछ मायनों में भारत के लिए अच्छी बात है, क्योंकि भारत कई चीजों का शुद्ध आयातक है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती भारत के लिए सकारात्मक होगी.

शेट्टी ने कहा कि भारत विश्व की सेवा राजधानी बनेगा और देश को उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना होगा तथा ऐसे विशिष्ट क्षेत्रों की तलाश करनी होगी जहां भारत विश्वस्तर पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सके. 

Trending news