Stock Market: अमेरिका में फेड के फैसले से भारत में झूमा शेयर बाजार; जानिए सेंसेक्स में तेजी के 5 कारण
शेयर मार्केट लगातार तेजी क्यों आ रही है: फेड रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में कटौती के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है. अमेरिका में कटौती के बाद आने वाले दिनों भारत में भी आरबीआई की तरफ से नीतिगत दरों में बदलाव किया जा सकता है.
Share Market on Record High: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती के बाद अमेरिका समेत दुनियाभर के शेयर बाजार हरे निशान के साथ कारोबार करते देखे गए. भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार सुबह सेंसेक्स और निफ्टी नए रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 800 अंक से ज्यादा की तेजी के साथ 83,773 अंक के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. एनएसई निफ्टी भी 200 अंक से ज्यादा चढ़कर 25,612 अंक के नए रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. इसके बाद सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखी गई. हालांकि प्रमुख सूचकांक हरे निशान पर ही कारोबार कर रहे हैं.
इन शेयर के कारोबार में रही तेजी
सेंसेक्स में लिस्टेड 30 कंपनियों में से एनटीपीसी, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और एचडीएफसी बैंक के शेयर सबसे ज्यादा फायदे में रहे. एशियाई मार्केट में चीन का शंघाई कम्पोजिट, जापान का निक्की-225 और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे. कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार एफआईआई बुधवार को लिवाल रहे थे. उन्होंने 1,153.69 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे.
महंगाई नीचे लाने के लिए RBI की कोशिश जारी
गौरतलब है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख दर को करीब 4.8 प्रतिशत तक कम कर दिया. यह पिछले 23 साल के रिकॉर्ड हाई लेवल 5.3 प्रतिशत से नीचे है. देश में महंगाई दर को तय टारगेट के दायरे में लाने के लिए आरबीआई की कोशिशें लगातार रंग ला रही हैं. महंगाई दर साल 2022 के 9.1 प्रतिशत के हाई लेवल से कम होकर अगस्त में तीन साल के निचले स्तर 2.5 प्रतिशत पर आ गई है. यह केंद्रीय जो बैंक के दो प्रतिशत के लक्ष्य से बहुत अधिक नहीं है. आइए जानते हैं आज शेयर बाजार में तेजी आने के 5 बड़े कारणों के बारे में-
फेड की तरफ से की गई कटौती
अमेरिका में फेड रिजर्व के फैसले से पहले ब्याज दर 5.25 से 5.5 प्रतिशत के बीच थीं. जो कि अब घटकर 4.75% से 5% के बीच रह गई हैं. यूएस फेड की तरफ से कटौती का फैसला किये जाने का असर भारतीय बाजार में देखने को मिल रहा है. एफआईआई का निवेश बढ़ने से भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड लेवल पर चल रहा है. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के फैसले का असर भारत समेत दुनियाभर के बाजार में देखने को मिल रहा है.
कम हुई मंदी की चिंता
अमेरिका की तरफ से पिछले दिनों जारी आंकड़ों से मंदी और रोजगार की चिंता कम हुई है. भारत में भी रिटेल महंगाई दर घटकर तीन साल के निचले स्तर पर चल रही है. इसका असर घरेलू बाजार पर देखा जा रहा है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से आने वाले समय में ब्याज दर को लेकर और कटौती की जा सकती है.
रिकॉर्ड लेवल पर GST कलेक्शन
देश में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड लेवल पर चल रहा है, इससे भी देश की इकोनॉमी को मजबूती मिली है. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2024 में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 1.75 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इसमें 10 प्रतिशत की तेजी आई है. इसके अलावा मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में 17 सितंबर तक नेट टैक्स कलेक्शन 16.12 प्रतिशत बढ़कर 9.95 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.
रिकॉर्ड विदेशी निवेश
फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती का मतलब है, अमेरिका में सरकारी बॉन्डों पर भी ब्याज दरों में कमी. इससे निवेशक अपना पैसा बॉन्ड में लगाने की बजाय शेयर बाजार में थोड़ा और रिस्क उठाना पसंद करेंगे. इस समय भारतीय शेयर बाजार निवेशकों की पहली पसंद बने हुए हैं. सितंबर में अब तक एफपीआई भारतीय पूंजी बाजार में करीब ढाई लाख करोड़ का निवेश कर चुके हैं.
कच्चे तेल की कीमत में नरमी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल में लंबे समय से नरमी का रुख बना हुआ है. इसका असर आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के रेट में भी देखने को मिल सकता है. गुरुवार को डब्ल्यूटीआई क्रूड 71.59 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 74.40 डॉलर प्रति बैरल पर देखा गया. तेल की कीमत में गिरावट से भी बाजार को मजबूती मिल रही है.