नई दिल्ली: जांच एजेंसी SFIO (Serious Fraud Investigation Office) ने जेट एयरवेज (Jet Airways) के मामले में रिलेटेड पार्टी और थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक SFIO ये समझना चाहती है कि थर्ड पार्टी और रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन क्या वाजिब रेट पर किए गए थे? कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय को शुरुआती जांच में जेट एयरवेज के खातों से पैसों के हेरफेर के संकेत मिले थे. SFIO इस मामले में जेट एयरवेज और प्रोमोटर ग्रुप के अलावा दूसरी कंपनियों के साथ हुए सौदों की बारीकी से जांच कर रही है. 


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SFIO जांच के दायरे में जेट एयरवेज और प्रोमोटर ग्रुप से जुड़ी कंपनियों जैसे कि जेट प्रिविलेज, जेट लाइट, एयरजेट ग्राउंड सर्विसेज, एयरजेट इंजीनियरिंग सर्विसेज और एयरजेट ट्रेनिंग सर्विसेज , एयरजेट सिक्योरिटीज एंड एलाइड सर्विसेज जैसी कंपनियां हैं. जेट एयरवेज में SFIO के अलावा ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की भी जांच चल रही है. ED इस बात की जांच कर रही है कि जेट प्रिविलेज में एतिहाद (Etihad Airways) की हिस्सेदारी किस तरह 50.10 फीसदी तक पहुंची. जबकि एविएशन सेक्टर में 49 फीसदी तक ही FDI सीमा है. 



इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स चोरी के मामले की जांच कर रहा है. कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की अर्जी पर सरकार ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और जेट के CEO रहे विनय दुबे के देश छोड़कर जाने पर रोक लगा रखी है, जबकि जून में बैंकों की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एयरलाइन के खिलाफ मुंबई NCLT में केस दायर कर रखा है. इसके बाद एयरलाइन को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है. फंडिंग की किल्लत के चक्कर में जेट एयरवेज की उड़ानें 17 अप्रैल को बंद हो गईं थीं.