Share Market: अमेरिकी झटकों से कांप रहा भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 966 अंक फिसलकर हुआ बंद, एक दिन में डूबे ₹10.5 लाख करोड़
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज कटौती के फैसले से बाद भारतीय शेयर बाजार ऐसा हिला कि निवेशकों के 10.5 लाख करोड़ रुपये आज स्वाहा हो गए.
Why Share Market Crash: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज कटौती के फैसले से बाद भारतीय शेयर बाजार ऐसा हिला कि निवेशकों के 10.5 लाख करोड़ रुपये आज स्वाहा हो गए. सेंसेक्स 966 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ तो वहीं निउ्टी 247 अंक लुढ़क गया. भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा.
अमेरिका से आई खबर का असर
सेंसेक्स1.20 प्रतिशत गिरकर 79,218 अंक और निफ्टी 247 अंक या 1.02 प्रतिशत गिरकर 23,951 पर बंद हुआ. बाजार के गिरने की वजह अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती का फैसला और आगे के आउटलुक को माना जा रहा है, जिसमें 2025 के लिए केवल दो बार ब्याज दरों में कमी की संभावना जताई गई है. वहीं, बाजार को अगले साल चार बार ब्याज दरों में कटौती होने की आशा थी.
शेयर बाजार में चौतरफा गिरावट
शेयर बाजार में चौतरफा गिरावट थी. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 167 अंक या 0.28 प्रतिशत गिरकर 58,556 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 97.25 अंक या 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,133 पर बंद हुआ. फार्मा और हेल्थकेयर को छोड़कर सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं. ऑटो, आईटी, फिन सर्विस, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और प्राइवेट बैंक सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे.
आज के टॉप गेनर और लूजर्स
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,684 शेयर हरे निशान में और 2,309 शेयर लाल निशान में और 102 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं. बजाज फिनसर्व, जेएसडब्लू स्टील, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स और आईटीसी टॉप लूजर्स थे. सन फार्मा, एचयूएल और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन टॉप गेनर्स थे.
बाजार के जानकारों का कहा, अमेरिकी फेड के ब्याज दरों पर आक्रामक रुख के कारण वैश्विक स्तर पर हुई बिकवाली के बाद भारतीय बाजार में व्यापक गिरावट देखी गई. बैंकिंग और रियल एस्टेट जैसे ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों को इसका काफी नुकसान उठाना पड़ा. जानकारों ने आगे कहा, " बैंक ऑफ जापान के ब्याज दर को स्थिर रखने के फैसले ने अर्थशास्त्रियों को आश्चर्यचकित कर दिया, जिससे बिकवाली के दबाव को कम करने में मदद मिली. एफआईआई की ओर से जारी बिकवाली के बीच निवेशक सतर्क बने रहना चाहिए. इनपुट-आईएएनएस