Share Market: अमेरिकी खौफ से क्रैश हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स 1000 अंक गिरने से डूबे निवेशकों के 3.17 लाख करोड़
भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिका का खौफ आज साफ दिखा. बाजार खुलते ही 800 अंक लुढ़क गया. जैसे-जैसे दिन चढ़ा शेयर बाजार में गिरावट बढ़ती गई और सेंसेक्स 1000 अंक तक गिरकर क्रैश हो गया. सेंसेक्स के साथ-साथ निफ्टी में भी 309 अंकों की गिरावट देखने को मिली.
Share Market Crash on 17 December: भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिका का खौफ आज साफ दिखा. बाजार खुलते ही 800 अंक लुढ़क गया. जैसे-जैसे दिन चढ़ा शेयर बाजार में गिरावट बढ़ती गई और सेंसेक्स 1000 अंक तक गिरकर क्रैश हो गया. सेंसेक्स के साथ-साथ निफ्टी में भी 309 अंकों की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी 24390 अंक नीचे लुढ़क गया. वहीं सेंसेक्स 80800 अंक पर ट्रेड कर रहा है. शेयर बाजार में आए इस भूचाल ने निवेशकों को 3 लाख करोड़ रुपये डुबा दिए.
क्यों गिरा भारत का शेयर बाजार
भारतीय शेयर बाजार पर आज अमेरिका का खौफ दिखा.अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण के साथ-साथ फेडरल रिजर्व की बैठक के फैसले आने से पहले निवेशकों में डर का माहौल है. ऊपर से रुपये पर बढ़ता दबाब शेयर बाजार पर दवबा बढ़ा रहा है. आज ब्लू चिप शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली. रिलायंस इंडस्ट्रीज, एयरटेल और एचडीएफसी के बैंकों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.61 फीसदी तक टूटकर कारोबार कर रहे हैं तो भारती एयरटेल के शेयर में करीब 3 फीसदी तक गिर गए.
शेयर बाजार पर अमेरिका का खौफ
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक 17 और 18 दिसंबर को हो रही है. उम्मीद की जा रही है कि फेडरल की ओर से ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की गिरावट की जा सकती है. फेडरल रिर्जव की नतीजों से पहले निवेशक एहतियात बरत रहे हैं. निवेशकों की निगाहें फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल पर होगी कि वो बाजार के अनुकूल कमेंट करते हैं या नहीं.
तेल की कीमतों की असर
सिर्फ फेडरल रिजर्व ही नहीं कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर भी शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है. बीते पांच दिनों में कच्चे तेल के भाव करीब 2 फीसदी बढ़ चुके हैं. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में युद्ध और भू-राजनीतिक तनाव के बीच निवेशकों में डर का माहौल है.
कमजोर होता रुपया बढ़ा रहा दवाब
वहीं लगातार कमजोर हो रहा रुपया शेयर बाजार पर दवाब बढ़ा रहा है. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 84.92 रुपये के नए ऑल टाइम लो-लेवल पर पहुंच गया. रुपये के कमजोर होने से आयात की लागत बढ़ती जा रही है. निवेशकों में इसे लेकर डर की स्थिति बनी हुई है.