Demat Account Update: शेयर बाजार के इन्वेस्टर्स के लिए बेहद जरूरी खबर है. अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं और आपके पास डीमैट अकाउंट है या ट्रेडिंग अकाउंट है तो आप ये खबर जरुर पढ़ लें. अगर आपने अब तक अपना KYC अपडेट नहीं किया है तो कल यानी 30 जून तक अपडेट कर लें. वरना आपका अकाउंट डीएक्टिवेट हो जाएगा. आइए जानते हैं विस्तार से. 


30 जून के पहले करें KYC अपडेट


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डिपॉजिटरीज नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSD) और सेंट्रल डिपॉजिटरीज सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया था कि अकाउंट होल्डर्स  के लिए 6 KYC जानकारियां देनी हैं. ये जानकारियां हैं- नाम, पता, PAN, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी और इनकम रेंज. 


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किसे देनी है 6 KYC की जानकारियां?


गौरतलब है कि 1 जून 2021 के बाद खोले गए नए अकाउंट्स के लिए सभी 6 जानकारियां अनिवार्य कर दी गई हैं. जबकि मौजूदा अकाउंट्स के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने डिपॉजिटर्स से कहा है कि वो सभी 6 KYC को अपडेट करें और जहां जरूरी हो क्लाइंट्स सूचित करें कि वो इसे अपडेट करें.


PAN को वेरिफाई करें 


इस सर्कुलर में कहा गया है कि सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रांजैक्शन के लिए क्लाइंट्स की ओर से PAN जमा करने की अनिवार्यता स्वीकृत छूट के साथ जारी रहेगी, निवेशकों से कहा गया है कि वो PAN कार्ड को इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर वेरिफाई कर लें. अगर PAN कार्ड आधार से लिंक नहीं है तो PAN कार्ड को वैलिड नहीं माना जाएगा. 


ये जानकारियां भी अपडेट करें 


सभी खाताधारकों को अलग से मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस देना होगा. हालांकि लिखित डेक्लेरेशन देने के बाद खाताधारक अपने परिवार को मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस अपडेट कर सकता है. परिवार से आशय खुद, जीवनसाथी, निर्भर माता-पिता और बच्चों से है. 


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परिवार की जानकारी भी अपडेट कराएं 


अगर एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट में एक ही मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पाई गई और परिवार की जानकारी भी अपडेट नहीं है, तो ऐसे डीमैट अकाउंट होल्डर्स को 15 दिन का नोटिस देकर उनसे मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी बदलाव फॉर्म या रिक्वेस्ट लेटर जमा करने के लिए कहना होगा. अगर वो ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो ऐसे खातों को नॉन-कंप्लायंट्स में डाल दिया जाएगा.


खाताधारकों को डिपॉजिटर्स को अपनी इनकम रेंज, इंडिविजुअल और नॉन-इंडिविजुअल रूप में अलग अलग बतानी होगी. इंडिविजु्अल्स के लिए इनकम रेंज 1 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक की रेंज वाले शामिल हैं. जबकि नॉन इंडिविजुअल की रेंज 1 करोड़ रुपये से ऊपर तक की है.