Saving Scheme: केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते वक्त देश के लिए कई अहम घोषणाएं की गई. साथ ही वित्त मंत्री ने कई योजनाओं की शुरुआत करने का भी प्रस्ताव दिया. वहीं कई पुरानी योजनाओं को भी बढ़ावा देने की बात कही गई. हालांकि लोगों को पुरानी योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना को लेकर काफी उम्मीदें थी, लेकिन वो उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई.


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सुकन्या समृद्धि योजना
बजट से पहले ऐसी उम्मीदें लगाई जा रही थीं कि वित्त मंत्री की ओर से इस बार के बजट में सुकन्या समृद्धि योजना का विस्तार किया जाएगा और लोगों के फायदे के लिए इस स्कीम लिमिट में इजाफा किया जाएगा और ब्याज दर में भी बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव दिया जाएगा. हालांकि सुकन्या समृद्धि योजना को लेकर किसी भी प्रकार का कोई ऐलान नहीं किया गया. ऐसे में इस स्कीम को लेकर लोगों की उम्मीदें बजट में पूरी नहीं हो पाई.


सेविंग स्कीम
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार के जरिए बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए धन बचाने के लिए शुरू की गई एक जमा योजना है. यह कार्यक्रम देश में लिंगानुपात में गिरावट को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया था. इस सरकारी योजना का उद्देश्य माता-पिता को अपनी बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करना है. सुकन्या समृद्धि योजना खातों की परिपक्वता पर बालिका के माता-पिता या अभिभावक उस बच्चे को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और उसकी शादी का खर्च वहन करने के लिए उस राशि को निकाल सकते हैं.


सुकन्या योजना
एक सुकन्या समृद्धि योजना खाता लड़की के जन्म के बाद किसी भी समय खोला जा सकता है, जब तक कि वह दस वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाती. इस खाते में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. यह खाता किसी भी बैंक या डाकघर में खोला जा सकता है. वहीं इस योजना के तहत माता-पिता आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स छूट का फायदा भी उठा सकते हैं.


आंशिक निकासी
वहीं खाता खुलने की तारीख से 21 साल तक या लड़की के 18 साल की होने और शादी होने तक एक्टिव रहेगा. एक बार जब बेटी 18 वर्ष की हो जाती है तो शेष राशि के 50% की आंशिक निकासी की अनुमति बेटी की उच्च शिक्षा खर्चों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए दी जाती है.


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