नई दिल्ली: लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान बैंकों की ओर से दिए गए लोन मोरेटोरियम (loan moratorium) को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में फिर से सुनवाई शुरू होगी. सुप्रीम कोर्ट आज मोरेटोरियम के दौरान बैंकों की ओर से ब्याज पर ब्याज वसूलने को लेकर सुनवाई करेगा. पिछले हफ्ते की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामला खत्म होने तक किसी भी खाते को NPA घोषित नहीं करने का आदेश दिया था. हालांकि कोर्ट का ये आदेश फाइनल नहीं बल्कि अंतरिम था. कोर्ट में आज की सुनवाई फाइनल हो सकती है, क्योंकि आज सिर्फ सरकार को ही अपना पक्ष रखना है, इसके बाद हो सकता है कि कोर्ट अपना ऑर्डर रिजर्व रख ले. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ब्याज पर ब्याज वसूल रहे बैंक
सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक से कंपाउंड इंटरेस्ट यानि ब्याज पर ब्याज वसूलने और मोरेटोरियमे के दौरान पीनल इंटरेस्ट (penal interest) लगाने पर भी जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग सेक्टर्स की ओर से दलीलें रखी जा चुकी हैं. सरकार अपना जवाब आज दाखिल करेगी. सरकार अपने जवाब में कुछ दिन पहले आई कामत रिपोर्ट का भी जिक्र कर सकती है. कामत की रिपोर्ट में 26 सेक्टर्स की लोन रीस्ट्रक्चरिंग की बात कही गई है. 
 
2 साल तक बढ़ा सकते हैं मोरेटोरियम!
आपको बता दें कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि लोन चुकाने में मिली मोहलत की अवधि यानि मोरेटोरियम को 2 साल तक बढ़ा सकती है. अगर सुप्रीम कोर्ट सरकार के इस प्रस्ताव को मान लेती है, तो कर्जदारों को कम से कम 2 साल तक लोन चुकाने से राहत मिल सकती है, लेकिन ये किन शर्तों पर हो सकता है, सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा. सरकार की ओर से दी गई मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त को खत्म हो चुकी है. उसके बाद अब रिजर्व बैंक ने लोन की वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग की बात कही है.