New SIM: मोबाइल का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. वहीं मोबाइल के इस्तेमाल के लिए उसमें सिम कार्ड की भी जरूरत होती है. बिना सिम कार्ड के लोग मोबाइल से नॉर्मल कॉलिंग नहीं कर सकते हैं. हालांकि अब सिम कार्ड को लेकर सरकार की ओर से नए नियम जारी किए हैं. इसके तहत 10 लाख रुपये का जर्माना भी लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं ऐसी कौनसी स्थिति होगी जब 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.


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सिम कार्ड
दरअसल, दूरसंचार कंपनियों को गैर-पंजीकृत विक्रेताओं के जरिये सिम कार्ड की बिक्री करने पर नए नियमों के अनुरूप 10 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. दूरसंचार विभाग ने गुरुवार को एक परिपत्र में इसकी जानकारी दी. दूरसंचार विभाग ने कहा कि सिम कार्ड की फर्जी तरीके से बिक्री पर रोक लगाने के लिए बनाए गए नए नियम एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे. दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर के पहले अपने सभी बिक्री केंद्रों (पीओएस) का पंजीकरण कराना है.


फर्जी सिम
फर्जी सिम कार्ड के जरिए लोगों को अपराध करने का मौका मिल जाता है. इस पर भी रोक लगाने के लिए सरकार की ओर से नया कदम उठाया गया है. परिपत्र के मुताबिक, “यदि लाइसेंसधारक 30 सितंबर के बाद किसी नए पीओएस को पंजीकरण के बगैर ग्राहकों के नामांकन की अनुमति देता है, तो हरेक लाइसेंसधारक पर संबंधित लाइसेंस सेवा क्षेत्र प्रति पीओएस 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाएगा.” गैर-पंजीकृत बिक्री केंद्रों के जरिये चालू किए गए सभी मोबाइल कनेक्शन का भी मौजूदा नियमों के अनुसार दोबारा सत्यापन किया जाएगा.


दस्तावेज की जरूरत
सभी मौजूदा सिम बिक्री केंद्रों को भी सितंबर खत्म होने से पहले दस्तावेज जमा कराना और पंजीकरण कराना होगा. हालांकि केवल रिचार्ज/ बिलिंग गतिविधियों के लिए नियुक्त पीओएस के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी. खुदरा विक्रेता को पंजीकरण के लिए कॉरपोरेट पहचान संख्या (सीआईएन), सीमित देयता भागीदारी पहचान संख्या (एलएलपीआईएन) या व्यवसाय लाइसेंस, आधार या पासपोर्ट, पैन, माल और सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण प्रमाणपत्र देना होगा.


(इनपुट: भाषा)