What is shutdown in United States Economy: अमेरिका, दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से एक है लेकिन अर्थव्यस्था डगमगा रही है. अमेरिका में शट डाउन का खतरा भी बढ़ रहा है. सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अमेरिका पर यह संकट आन खड़ा हुआ है, दरअसल सत्ता पक्ष या जो बाइडेन प्रशासन को विपक्ष से सहमति बनाकर फंडिंग प्लान को पास कराना होगा लेकिन गतिरोध बना हुआ है इन सबके बीच संघीय वित्त वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. इसका अर्थ यह है कि अगर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी तो आगे का रास्ता जटिल होगा.


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33 लाख कर्मचारियों पर असर !


30 सितंबर से पहले सत्ता और विपक्ष में सहमति बनना आवश्यक है. ऐसा नहीं होने पर 1 अक्टूबर से शटडाउन हो जाएगा और उसका असर यह होगा कि लाखों की संख्या में कर्मचारियों को वेतन मिलने में दिक्कत होगी. जो योजनाएं चल रही है उन पर ब्रेक लग जाएगा इसके साथ साथ आम लोगों को जरूरी चीजों के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी.अगर अमेरिका में शट डाउन की सूरत बनती है कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए लाले पड़ जाएंगे. करीब 33 लाख कर्मचारियों पर असर होगा. इन 33 लाख कर्मचारियों में 20 लाख सरकारी कर्मचारी और 13 लाख डिफेंस से जुड़े लोग हैं. शट डाउन की स्थिति में  ऐसा होता है तो नई योजनाओं पर बाइडेन प्रशासन काम नहीं कर पाएगा.


इसे कहते हैं शट डाउन


अमेरिकी सरकार को आवश्यक योजनाओं को जारी रखने के लिए पैसों की जरूरत होती है और उसके लिए कर्ज लेना होता है. कर्ज लेने का मतलब अमेरिकी संसद से मंजूरी. लेकिन यह तभी संभव हो सकेगा जब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों पाले में सहमति बने. अगर तय सीमा में सहमति बन जाती है तो कोई परेशानी नहीं. लेकिन ऐसा ना होने की सूरत में शट डाउन का खतरा. अगर मौजूदा राजनीति को देखें तो सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी बरकरार है. रिपब्लिकन सांसदों को कुछ स्कीम्स पर ऐतराज है जिसे डेमोक्रेट्स जरूरी बता रहे हैं. 


इतने ट्रिलियन डॉलर की कर्ज में अमेरिका


अब बात करते हैं अमेरिकी कर्जे के बारे में, अमेरिका में बैंकों के सामने संकट से हर कोई वाकिफ है, कुल 33 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है. अगर शट डाउन की स्थिति बनती है तो हालात और गंभीर हो जाएंगे. रिपब्लिकंस का कहना है कि देश पहले से ही कर्ज संकट का सामना कर रहा है ऐसे में गैरवाजिब स्कीम को चलाने के लिए और कर्ज लेने क्यों लेना चाहिए. हालात ये है कि कर्ज की मात्रा जीडीपी से अधिक है. अगर कर्ज की प्रवृत्ति पर लगाम नहीं लगाई गई तो हालात और खराब हो जाएंगे. अमेरिका में होम लोन की दर 8 फीसद के पार है जिसका असर घरों की खरीद पर पड़ेगा.