Indian Railway: अब कोहरे की वजह से ट्रेन नहीं होगी लेट! फॉग सेफ डिवाइस से सरपट दौड़ेगी रेल, जानिए क्या चीज है ये
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Indian Railway: अब कोहरे की वजह से ट्रेन नहीं होगी लेट! फॉग सेफ डिवाइस से सरपट दौड़ेगी रेल, जानिए क्या चीज है ये

ठंड की दस्तक के साथ कोहरा अपना असर दिखाता है. कोहरे और धुंध की वजह से ट्रेनों का लेट होना आम बात हो चुकी है. कुछ ट्रेनें घंटे-दो घंटें तो सर्दियों में कुछ घंटे 20 से 22 घंटे तक लेट हो जाती है. कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है.

Indian Railway: अब कोहरे की वजह से ट्रेन नहीं होगी लेट! फॉग सेफ डिवाइस से सरपट दौड़ेगी रेल, जानिए क्या चीज है ये

Indian Railway: ठंड की दस्तक के साथ कोहरा अपना असर दिखाता है. कोहरे और धुंध की वजह से ट्रेनों का लेट होना आम बात हो चुकी है. कुछ ट्रेनें घंटे-दो घंटें तो सर्दियों में कुछ घंटे 20 से 22 घंटे तक लेट हो जाती है. कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लग जाता है. कोहरे के चलते विजिबिलिटी कम होने की वजह से ट्रेनों की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से यात्रा में लगने वाला समय बढ़ जाता है. हालांकि इस बार कोहरे से निपटने के लिए भोपाल रेल मंडल ने कमर कस ली है.  

कोहरे का निकाल लिया काट   

धुंध और कोहरे की वजह से ट्रेनों की रफ्तार कम हो जाती है. जिससे रेल की रफ्तार में बाधा खड़ी होती है. भोपाल रेल मंउल में बाधा रहित ट्रेन संचालन के लिए आवश्यक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है. वहीं, ट्रैकमैन को पटाखे उपलब्ध कराए गए हैं. दरअसल, ट्रेन के परिचालन में कोहरा बाधा खड़ी करता है, कोहरे के दौरान दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे लोको पायलट के लिए सिग्नल और ट्रैक की स्थिति का सही तरीके से आकलन करना मुश्किल हो जाता है.

फॉग सेफ डिवाइस का इस्तेमाल  

रेलवे के मुताबिक ऐसी परिस्थितियों में फॉग सेफ डिवाइस को लोको पायलट की मदद के लिए डिजाइन किया गया है.  यह उपकरण सिग्नल की सटीक जानकारी देता है. साथ ही अलग स्थानों पर लगे सिग्नल को विशेष रूप से चेतावनी के साथ बताता है, जिससे ट्रेनों का संचालन सुरक्षित और निर्बाध रूप से हो सके. बता दें कि फॉग सेफ डिवाइस एक जीपीएस आधारित उपकरण है, जो लोको पायलट को उनके मार्ग पर सिग्नलों और अन्य प्रमुख स्थानों की जानकारी देता है. यह उपकरण सिग्नल की दूरी और ट्रेन की गति को स्क्रीन पर प्रदर्शित करता है.  इसके अलावा, यह लोको पायलट को अलर्ट भी देता है, जब ट्रेन किसी सिग्नल के करीब होती है.  

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि लोको पायलट को कोहरे के समय फॉग सेफ डिवाइस के साथ ट्रेनों की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे अथवा जरुरत के मुताबिक रफ्तार रखने के निर्देश दिए गए हैं.  इसके साथ ही सिग्नल की सूचना दर्शाने वाले बोर्ड पर चमकीली पट्टी लगाई जा रही है. इसके अलावा स्टेशन मास्टर को विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट (वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं.  इससे लोको पायलट को स्टेशन पास होने की जानकारी मिलेगी. इसके अलावा ट्रैकमैन द्वारा लोको पायलट को रास्ते में सिग्नल होने की चेतावनी देने के लिए पटाखे का उपयोग करने के निर्देश देते हुए पर्याप्त मात्रा में पटाखे उपलब्ध कराए गए हैं. इनपुट-आईएएनएस

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