वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन से आयात किए जाने वाले सामान पर ऊंचा शुल्क लगाने की अपनी मौजूदा नीति को लेकर वह काफी सहज हैं, लेकिन बौद्धिक संपदा अधिकारों के फायदे के लिए वह उसके साथ व्यापार समझौता करना पसंद करेंगे. व्हाइट हाउस में गुरुवार को मीडिया से मुखातिब ट्रंप ने कहा, 'हम अभी चीन के साथ जो कर रहे हैं, मेरे हिसाब से इसका दूरगामी प्रभाव होगा.' उनका यह बयान चीन के साथ अगले हफ्ते होने वाली उच्च स्तरीय प्रतिनिधि बैठक से पहले आया है. इस बैठक का मकसद दोनों देशों के बीच के व्यापार तनाव को समाप्त करने के लिए एक मार्च से पहले समाधान खोजना है.


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चीन एक समझौता करना पसंद करेगा
उन्होंने कहा, 'अब हम अच्छा शुल्क लगा रहे हैं और एक मार्च के बाद काफी हद तक यह और बढ़ेगा. मेरा विचार है कि चीन एक समझौता करना पसंद करेगा. हम भी समझौता करना पसंद करेंगे. अगर मैं आपसे ईमानदारी से कहूं तो अभी हम जहां हैं, मुझे यही पसंद है. हम खुश हैं. हम अपने खजाने को चीन से मिलने वाले अरबों डॉलर से भरेंगे. कभी हमारे खजाने में 10 सेंट तक नहीं आए और अब अरबों डॉलर आ रहे हैं.'


ट्रंप ने कहा, 'यदि हम बौद्धिक संपदा अधिकार और उसकी चोरी पर कोई समझौता कर सके तो यह बहुत बढ़िया होगा. बाकी अन्य मसलों पर उनसे हम बातचीत कर ही रहे हैं.' अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि ट्रंप चीन के साथ उचित और पारस्परिक व्यापार चाहते हैं. इससे पहले ट्रंप ने कहा कि हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिल पर आयात शुल्क को आधा करके उन्होंने भारत के साथ 'एक उचित समझौता' किया है, लेकिन अमेरिकी व्हिस्की पर लगने वाले 'उच्च शुल्क' से वह अब भी नाखुश हैं. ट्रंप ने हार्ले-डेविडसन के आयात पर भारत द्वारा लगाए जाने वाले उच्च आयात शुल्क को 'अनुचित' बताया था.


(इनपुट एजेंसी से)