Indian Railway Transport: कई लोगों अपनी नई या पुरानी बाइक को एक जगह से दूसरी जगह भेजना चाहते हैं. ऐसे में उन लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्‍या रहती है कि वे कैसे अपनी बााइक को 400-500 किलोमीटर या उससे ज्‍यादा दूर भेजें. इसके लिए वे ट्रांसपोर्ट का इस्‍तेमाल करते हैं. इसमें भी कई जगहों पर ट्रांसपोर्ट सुविधा नहीं मिलती है. इसके अलावा ये भी डर रहता है कि प्राइवेट ट्रांसपोर्ट से बाइक आएगी तो उसमें कुछ दिक्‍कत न हो जाए. इन सब झंझट से बचने के लिए आप रेलवे की सेवा का इस्‍तेमाल कर सकते हैं.   


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ट्रांसपोर्ट करने के होते हैं दो तरीके


भारतीय रेलवे किसी भी सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिए दो सुविधाएं देता है. इसमें आप लगेज के लिए बुकिंग करा सकते हैं या पार्सल के लिए बुकिंग करा सकते हैं. लगेज का मललब होता है कि आप खुद सफर कर र‍हे हैं और उसके साथ अपने सामान को ले जा रहे हैं. बात करें पार्सल की तो इसका मतलब होता है आप सामान अपनी पसंद की जगह पर भेजना चाहते हैं, लेकिन आप यात्रा नहीं कर कर रहे हैं. 


ऐसे करें पार्सल के लिए बुकिंग


पार्सल बुकिंग के लिए आपको नजदीकी रेलवे स्टेशन पर विजिट करना होगा. वहां पार्सल काउंटर से आप इस सुविधा के बारे में जानकारी ले सकते हैं. जानकारी लेने के बाद सभी दस्‍ताावेज तैयार कर लें और ध्‍यान रखें वहां आपको ओरिजनल कॉपी और फोटोकॉपी दोनों ले जाना होगी क्‍योंकि वेरिफिकेशन के लिए ओरिजनल कॉपी मांगी जाती है. पार्सल करने से पहले रेलवे के कर्मचारी आपकी बाइक के टैंक को चैक करेंगे. 


कितना लगेगा किराया?


रेलवे से कोई भी सामान भेजा जाता है तो वहां वजन और दूरी के मुताबिक भाड़े की गणना की जाती है. आपको बता दें आप नई या पुरानी बाइक अगर कम खर्च में ट्रांसपोर्ट करना चाहते हैं तो रेलवे बेहतर विकल्‍प है. लगेज का चार्ज पार्सल से ज्‍यादा वसूला जाता है. अगर आप 500 किलोमीटर दूर तक बाइक भेजना चाहते हैं तो लगभग 1200 रुपये का खर्च आएगा. इसके अलावा आपसे पैकिंग का चार्ज 300 से 500 रुपये वसूला जा सकता है. 


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