UAE: खाड़ी देश UAE की स्टील मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों ने अवैध तरीके से स्टील स्क्रैप आयात करने का आरोप लगाया है. कंपनियों ने फर्जी कागजात और निर्यात शुल्क की चोरी पर चिंता जाहिर करते हुए भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों के समक्ष लिखित शिकायतें दर्ज की हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कंपनियों ने भारत सरकार से इस पर तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने एवं संयुक्त अरब आमीरात से स्टील स्क्रैप के अवैध आयात को रोकने का आग्रह किया है.


सीमा शुल्क का भी हो रहा नुकसान


ZEE न्यूज को मिले एक्सक्लूसिव लेटर के मुताबिक, कंपनियों ने दावा किया है कि कुछ शिपर्स हैं है जो भारत में स्टील स्क्रैप की तस्करी कर रहे हैं. ये शिपर्स ना सिर्फ फर्जी दस्तावेज के तहत स्टील स्क्रैप की तस्करी कर रहे हैं बल्कि इससे भारत को सीमा शुल्क का भी नुकसान हो रहा है. साथ ही अवैध तरीके से आयात से देश को भी खतरा है.


कंपनियों ने भारतीय अधिकारियों को जो दस्तावेज सौंपे हैं उसमें बदला हुआ लोडिंग बिल, ओरिजन कंट्री और लोडिंग के बंदरगाह की गलत जानकारी, फर्जी ऑरिजन सर्टिफिकेट और फर्जी प्री-शिपमेंट इंस्पेक्शन सर्टिफिकेट शामिल हैं. कंपनियों ने यह भी दावा किया है कि कुछ शिपर्स फर्जी लदान बिल बनाकर इन शुल्कों से बच जा रहे हैं. 


CEPA और समुद्री कानून का उल्लंघन


लेटर में आगे लिखा गया है कि व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के तहत संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच बेहतर व्यापार संबंध हैं. व्यापार दस्तावेजों में हेराफेरी और निर्यात शुल्क की चोरी करके यूएई से अवैध तरीके से स्टील स्क्रैप शिपमेंट हुआ है जो सीईपीए और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून का गंभीर उल्लंघन है.


यूएई की कंपनियों ने भारत में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य सुरजीत भुजबल को लिखे लेटर में कहा है कि हम आपसे आग्रह करते हैं कि यूएई से अवैध तरीके से स्टील स्क्रैप आयात करने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाए. 


संयुक्त अरब आमीरात के फेडरल ऑथेरिटी ने हाल ही में एक नई वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी के तहत स्टील स्क्रैप सहित अन्य औद्योगिक कचरे पर प्रति मीट्रिक टन 400 AED का निर्यात शुल्क लगाया है.