नई दिल्ली : वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश में आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक में हासिल करने में शहरी क्षेत्र की प्रमुख भूमिका होगी. उन्होंने यह भी कहा कि राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) समिति, 2017 ने कर्ज-जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात कम कर 2024-25 तक 60 प्रतिशत पर लाने का सुझाव दिया है. सिंह की अध्यक्षता वाली एफआरबीएम समिति ने यह भी सिफारिश की कि राज्यों को इसी अवधि में कर्ज-जीडीपी अनुपात कम कर 20 प्रतिशत पर लाना चाहिए.


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नीतियों में बदलाव की जरूरत
आर्थिक वृद्धि में शहरी क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए सिंह ने कहा कि यह जीडीपी वृद्धि में अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं कि इस देश के तीव्र गति से विकास के लिये वृद्धि का प्रमुख इंजन शहरी क्षेत्र से आएगा.' उन्होंने कहा कि दहाई अंक में वृद्धि के लिये शहरी क्षेत्र महत्वपूर्ण है. सिंह ने कहा कि इसीलिए नीतियों को उसी के अनुरूप बनाया जाना चाहिए.



उन्होंने कहा कि वित्त आयोग केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर गौर कर रहा है. आंकड़ों के की उपलब्धता के बारे में सिंह ने कहा, 'सचाई यह है हमें भरोसेमंद आंकड़ों की जरूरत है. इससे न केवल केंद्र सरकार की क्षमता मजबूत होगी बल्कि यह राज्यों के लिये भी अहम है.'