अमेरिका ने भारत को दिया बड़ा झटका! इन 15 कंपनियों के कारोबार पर लगाया बैन, बताई ये वजह
India US Russiam Relation: अमेरिका ने भारत के साथ-साथ चीन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और तुर्की की कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसके अलावा रूसी रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों और रक्षा कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं.
US sanctions 15 Indian Entities: अमेरिका ने रूस के सैन्य-औद्योगिक प्रतिष्ठानों का कथित तौर पर सहयोग करने के आरोप में भारत की 15 कंपनियों समेत 275 लोगों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं.
अमेरिकी वित्त विभाग ने गुरुवार को कहा कि चीन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड और तुर्की की कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसकी वजह यह है कि ये कंपनियां रूस को उन्नत प्रौद्योगिकी और उपकरण प्रदान कर रही हैं जिनका इस्तेमाल रूस अपने युद्ध तंत्र को चलाने में कर रहा है.
इन कंपनियों पर लगा प्रतिबंध
वित्त विभाग की तरफ से जारी सूची में भारत स्थित कंपनियों- आभार टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, डेनवास सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, एमसिस्टेक, गैलेक्सी बियरिंग्स लिमिटेड, ऑर्बिट फिनट्रेड एलएलपी, इनोवियो वेंचर्स, केडीजी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और खुशबू होनिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं.
इनके अलावा लोकेश मशीन्स लिमिटेड, पॉइंटर इलेक्ट्रॉनिक्स, आरआरजी इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, शार्पलाइन ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड, शौर्य एयरोनॉटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, श्रीजी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को भी प्रतिबंधित सूची में रखा गया है.
पहले भी की है कार्रवाई
इससे पहले बुधवार को अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को बढ़ावा देने के लिए लगभग 400 संस्थाओं एवं व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. बयान के मुताबिक, वैश्विक कर चोरी नेटवर्क को बाधित करने के अलावा इस कार्रवाई के तहत रूस के सैन्य-औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए प्रमुख सूचना और अन्य सामग्री के घरेलू रूसी आयातकों और उत्पादकों पर भी निशाना लगाया गया है.
वित्त उपमंत्री वैली अडेयेमो ने कहा, "अमेरिका और हमारे सहयोगी रूस को यूक्रेन के खिलाफ अवैध और अनैतिक युद्ध के लिए जरूरी महत्वपूर्ण उपकरणों और प्रौद्योगिकियों का प्रवाह रोकने के लिए दुनिया भर में निर्णायक कार्रवाई करना जारी रखेंगे."
हम अपने संकल्पों पर अडिग- अमेरिका
उन्होंने कहा, "इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि हम रूस की युद्ध मशीनरी को बढ़ावा देने वाली क्षमता को कम करने और हमारे प्रतिबंधों एवं निर्यात नियंत्रणों को दरकिनार कर या उनसे बचकर उसकी सहायता करने की कोशिश करने वालों को रोकने के अपने संकल्प में अडिग हैं."
अमेरिकी विदेश विभाग ने तीसरे पक्ष के कई देशों में प्रतिबंधों से बचने और धोखाधड़ी को भी निशाना बनाया है. इनमें चीन स्थित कई कंपनियां शामिल हैं जो दोहरे उपयोग वाले सामान का निर्यात करती हैं जो रूस के सैन्य-औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने में सहयोग देती हैं.
अमेरिका ने रूसी रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों और रक्षा कंपनियों तथा रूस के भविष्य के ऊर्जा उत्पादन और निर्यात का समर्थन करने वाली कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं.