USD Vs INR: डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार ग‍िरावट देखी जा रही है. मंगलवार सुबह रुपया 83.19 के स्‍तर पर ट्रेड कर रहा है. मौजूदा व‍ित्‍त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्‍टूबर से मार्च) में रुपये के डॉलर के मुकाबले और कमजोर होने की आशंका जताई जा रही है. केयर रेट‍िंग की तरफ से अनुमान जताया गया है क‍ि एक डॉलर की कीमत 84 रुपये के स्‍तर तक जा सकती है. जानकारों का यह भी अनुमान है क‍ि रुपये में यह ग‍िरावट द‍िवाली से पहले ही देखने को म‍िल सकती है. केयर रेटिंग की तरफ से प‍िछले द‍िनों जारी र‍िपोर्ट में व‍ित्‍त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही में रुपये का स्तर 81 से 83 से बढ़ाकर 82 से 84 रुपये प्रति डॉलर कर दिया गया है.


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एशियाई मार्केट की मुद्राओं में गिरावट की आशंका


चीन की मुद्रा युआन में चल रही कमजोरी के कारण उभरते एशियाई मार्केट में मुद्राओं में गिरावट की भी आशंका जताई जा रही है. मौजूदा दौर में वैश्‍व‍िक स्तर पर महंगाई बढ़ने और पश्‍च‍िमी देशों के केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दर र‍िकॉर्ड लेवल पर रखे जाने के कारण खरीदारी की क्षमता प्रभावित हो रही है. इससे भारत से होने वाले न‍िर्यात में भी कमी आई है. रुपये में आ रही ग‍िरावट से क‍िस तरह के नुकसान हो सकते हैं, आइए जानते हैं.


अर्थव्यवस्था पर
रुपये में ग‍िरावट से महंगाई पर दबाव बढ़ता है. इसका असर आने वाले समय में उद्योगों पर भी होगा. आर्थिक वृद्धि दर की रफ्तार भी धीमी हो सकती है. इसके अलावा महंगे डॉलर के कारण भारत को क्रूड ऑयल खरीदने के ल‍िए ज्यादा कीमत देनी पड़ सकती है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती की उम्मीद को झटका लग सकता है.


आयात और न‍िर्यात पर असर
रुपये में ग‍िरावट का असर देश में आयात होने वाला कच्चे माल पर भी पड़ सकता है. आयात महंगा होने से उत्पादन के बाद तैयार होने वाली चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. देश में उत्‍पाद की लागत बढ़ने के बाद दूसरे बाजार में जब इसे निर्यात किया जाएगा तो बाकी देशों के मुकाबले प्रत‍िस्‍पर्धा का सामना करना पड़ सकता है. जानकारों का कहना है क‍ि रुपये के मुकाबले डॉलर की कीमत 84 रुपये के स्‍तर पर जल्द पहुंच सकती है. इसका सबसे ज्‍यादा असर क्रूड ऑयल की खरीद पर पड़ेगा.