Hindenburg Research on SEBI Chairperson: डेढ़ साल बाद अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने एक बार फिर से भारत के बाजार में खलबली मचा दी है. अडानी की कंपनी को लेकर 24 जनवरी 2023 में रिपोर्ट जारी कर भारतीय बाजार में भूचाल लाने वाले शार्ट सेलर ने इस बार बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी है. सेबी प्रमुख के ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. 


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सेबी चेयरमैन माधबी पुरी बुच पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर दिग्गज निवेश मार्क फेबर (Marc Faber) ने कहा कि अगर आरोप सही हैं तो इस मामले में लिप्त सभी लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि शेयर बाजार की चाल हमेशा वास्तविक आर्थिक स्थिति को नहीं दिखाती है. बता दें कि मार्के फेबर जाने-माने निवेशक हैं. इसके इलावा वो द ग्लूम, Boom & Doom Report के पब्लिशर भी हैं. 


हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार नियामक सेबी और अमेरिका के SEC की शुरुआत छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए की गई थी, लेकिन वो बड़े बिजनेस को बचाने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में सच्चाई है तो मामले में शामिल सभी लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए. 


क्या है पूरा मामला 


बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ लंबी-चौड़ी रिपोर्ट जारी की है. बुच दंपत्ति पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने अडानी मामले में कंपनी को बचाने की कोशिश की है. उसने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने बरमुडा और मॉरिशस के फंड में स्टेक लिया है. उनपर आरोप लगाए गए कि अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के बीच सेबी चेयरपर्सन रहते हुए माधबी पुरी बुच सिंगापुर की ऑफशोर कंसल्टिंग फर्म अगोरा पार्टनर की 100 फीसदी मालकिन रहीं. उन्होंने नियुक्ति के बाद फर्म का मालिकाना हक अपने पति धवल बुच को सौंप दिया.  हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरपर्सन पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्राइवेट ईमेल के जरिए अपने पति के नाम पर ऑफशोर फंड को मैनेज किया. उनपर हितों के टकराव की वजह से अडानी पर कार्रवाई न करने का आरोप लगा है.