नई द‍िल्‍ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ई-रुपी डिजिटल प्रीपेड वाउचर की सीमा को 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के बैठक के निर्णयों की घोषणा करते हुए गुरुवार को कहा कि ई-रुपी वाउचर की ल‍िम‍िट बढ़ाये जाने के साथ ही इनका एक बार से अधिक यूज भी किया जा सकेगा.


अगस्त में क‍िया गया था लॉन्‍च


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आरबीआई गवर्नर ने कहा क‍ि इससे कई सरकारी योजनाओं को लाभार्थियों तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सकेगा. गौरतलब है कि नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा विकसितत ई-रुपी वाउचर को अगस्त 2021 में लॉन्‍च किया गया था.


क्‍या है e-RUPI वाउचर


e-RUPI वाउचर एक प्रकार का डिजिटल वाउचर होता है, जो लाभार्थी को उसके फोन पर एसएमएस या क्यूआर कोड के रूप में प्राप्त होता है. लाभार्थी उन केंद्रों पर जाकर इस वाउचर को यूज कर सकते हैं, जहां इन्हें स्वीकार क‍िया जाता हो. यह कैशलेस भुगतान का तरीका है. इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की तरफ से तैयार किया गया है.


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कैसे करता है काम?


e-RUPI वाउचर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के ल‍िए बहुत ही मददगार है. इससे मोबाइल में क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग मिलने पर पैसा उसके पास पहुंच जाता है. यूजर को इस वाउचर को रिडीम करने के लिए कार्ड, डिजिटल पेमेंट एप या इंटरनेट बैंकिंग की जरूरत नहीं होती. यह ऐसे लोगों के लिए बहुत ही अच्‍छा है, जो डिजिटल पेमेंट करने के ऑप्‍शन को सही से यूज नहीं कर पाते.


उदाहरण से ऐसे समझें


मान लीजिए यद‍ि सरकार किसी शख्‍स को हॉस्पिटल में फ्री इलाज की सुविधा देती है. ऐसे में सरकार उस व्यक्ति के मोबाइल पर एक क्यूआर कोड भेजेगी. वह शख्‍स इस क्यूआर कोड के जरिए उस हॉस्पिटल में पेमेंट कर सकेगा.


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