GPF Explainer: जीपीएफ क्या है? यूपी सरकार ने लाखों कर्मचारियों के लिए बदल दिया नियम
What is GPF: कैबिनेट की मीटिंग में सामान्य भविष्य निधि संशोधन नियमावली को मंजूरी दी गई. आपको बता दें राज्य में करीब 7 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन के दायरे में हैं.
GPF New Rule: अगर आप यूपी सरकार के कर्मचारी हैं तो इस खबर के बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए. जी हां, अब राज्य सरकार के कर्मचारी सामान्य भविष्य निधि खाते (GPF) में एक फाइनेंशियल ईयर के दौरान 5 लाख रुपये तक जमा कर सकेंगे. यूपी कैबिनेट की तरफ से इस पर मुहर लगाई गई है. पहले जीपीएफ के तहत पैसा जमा करने की कोई लिमिट नहीं थी. कैबिनेट की मीटिंग में सामान्य भविष्य निधि संशोधन नियमावली को मंजूरी दी गई. आपको बता दें राज्य में करीब 7 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन के दायरे में हैं. इनके लिए मूल वेतन का कम से कम 10 परसेंट जीपीएफ में जमा करना जरूरी है. इस स्कीम में केवल सरकारी कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी जरूरी जानकारी-
जीपीएफ क्या है?
GPF अकाउंट एक तरह का भविष्य निधि (PF) खाता है. इस अकाउंट को हर व्यक्ति नहीं खुलवा सकता. इसका फायदा केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलता है. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा जीपीएफ में जमा करना होता है. सरकारी कर्मचारियों का इसमें योगदान करना जरूरी होता है. रोजगार अवधि के दौरान कर्मचारी की तरफ से जीपीएफ में जमा की गई कुल राशि का भुगतान कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय किया जाता है. सरकार की तरफ से इसमें किसी प्रकार का योगदान नहीं किया जाता. इसमें केवल कर्मचारी का योगदान होता है. वित्त मंत्रालय की तरफ से हर तिमाही जीपीएफ की ब्याज दर में बदलाव किया जाता है.
जीपीएफ की विशेषताएं
जीपीएफ की योगदान दर कर्मचारी की बेसिक सैलरी के 6% पर तय की जाती है. यह हर महीने कम से कम 500 रुपये तक होती है. जीपीएफ अकाउंट की ब्याज दर हर तीन महीने में एक बार कैबिनेट की तरफ से तय की जाती है. फिलहाल 7.1 परसेंट की दर से ब्याज मिल रहा है. जीपीएफ खाताधारक रिटायरमेंट के बाद अपनी जमा राशि का 100% निकाल सकते हैं.
जीपीएफ का फायदा
यह सरकार की तरफ से समर्थित एक सुरक्षित निवेश योजना है. यह लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट प्लान रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें टैक्स बेनिफिट का भी फायदा मिलता है. फिलहाल जीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज दर पीपीएफ के बराबर है. डिपार्टमेंट ऑफ इकॉनमिक अफेयर (DEA) की तरफ से पिछली कई तिमाही से ब्याज दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया.
जीपीएफ के लिए पात्रता
कर्मचारी को भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के तहत किसी भी डिपार्टमेंट में नियमित रूप से नियुक्त होना चाहिए. कर्मचारी की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए और 60 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा कर्मचारी को एक साल की लगातार सेवा पूरी करना जरूरी है.
जीपीएफ से पैसे कैसे निकालें
जीपीएफ खाते से आप रिटायरमेंट के बाद अपनी जमा राशि का 100% निकाल सकते हैं. कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले भी जरूरत के समय जीपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं. लेकिन इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी जरूरी होती है. जीपीएफ एक सेफ और फायदेमंद निवेश योजना है, जो सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकती है.