Prepaid Electricity Meter: बिजली के मीटर को लेकर अलग अलग तरह की समस्याएं रहती है. बिजली के मीटर में कब क्या काम करता है इसके बारे में तो जानना बहुत ही कठिन कम होता है, लेकिन इसमें कुछ इंडिकेटर लगे होते हैं जिनके बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. सरकारें भी अब प्रीपेड मीटर लगा रही हैं ताकि बिजली के बिल में किसी भी तरह की धांधली से बचा जा सके साथ ही लोग अपना बिजली इस्तेमाल करने का पैसा भी टाइम पर देते हैं.


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क्या होते हैं प्रीपेड मीटर
प्रीपेड मीटर बिलकुल प्रीपेड मोबाइल की तरह काम करते हैं. जैसे प्रीपेड मोबाइल को रिचार्ज करने के बाद ही फोन से कॉल किया जा सकता है, ठीक वैसे ही प्रीपेड मीटर होते हैं इन मीटर का भी एक नंबर होता है, जिसे रिचार्ज करना पड़ता है. जैसे ही मीटर का बैलेंस जीरो होता है वह लाइट कट कर देते हैं. 


प्रीपेड मीटर के फ्रंट की बात करें तो इसके फ्रंट में सबसे ऊपर कंपनी का नाम, उसके नीचे एलसीडी डिस्पले और डिस्प्ले के नीचे 3 एलईडी लाइट दी गई होती है. एलईडी लाइट के बराबर में कीपैड और लाइट के नीचे सीरियल नंबर दिया गया होता है. 


मीटर के लेफ्ट साइड की एलईडी क्रेडिट का स्टेटस दिखाती है. मीटर में क्रेडिट लिमिट से कम क्रेडिट होने पर यह एलईडी लाल हो जाती है. वहीं यह एलईडी क्रेडिट लिमिट से ज्यादा क्रेडिट होने पर ग्रीन हो जाती है. मीटरी की बाई डिफॉल्ट क्रेडिट लिमिट 100 रुपये होती है. वहीं बीच की एलईडी मीटर में टेंपरिंग को दिखाती है. वहीं मीटर में लगी राइट एलईडी मीटर कैलिब्रेशन को दर्शाती है. मतलब अगर आपका मीटर प्रीपेड है और उसमें लेफ्ट साइड की लाइट रेड जल रही है तो आपके घर की लाइट कभी भी जा सकती है. इसलिए उसका ध्यान रखें.


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