UPS Rollout Date: अगस्त 2024 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड प्रोविडेंट स्कीम (UPS) शुरू करने की घोषणा की थी. इस योजना से लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने का अनुमान है. फिलहाल में जारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के विपरीत यूपीएस केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था है. यानी यह कर्मचारियों पर निर्भर है कि वह इस स्कीम (UPS) का हिस्सा बनना चाहते हैं या NPS का.


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अंग्रेजी वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार 15 अक्टूबर 2024 तक एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) नियमों की घोषणा करेगी. यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी. कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं.


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अलग-अलग विभाग को सौंपा गया काम


कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय कर्मचारियों के प्राथमिकताओं का आकलन करेगा, जबकि प्रशासन सुधार और कार्मिक शिकायत विभाग योजना के लिए नियम कानून बनाएगा. वहीं, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) योजना के निवेश घटकों की देखरेख करेगा. इसके अतिरिक्त, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) इस स्कीम को डिजाइन करने और ऑपरेट करने पर काम कर रही है. 


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सोमनाथन कमिटी ने की UPS की सिफारिश


मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अगुवाई में एक कमिटी गठन की थी. इसी कमेटी ने सभी राज्य के वित्तीय सचिव, नेताओं और सैकड़ों कर्मचारी यूनियन से चर्चा कर केंद्र सरकार को UPS लागू करने की सिफारिशें की हैं. साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने OPS को खत्म कर NPS लाई थी. NPS 1 अप्रैल 2024 से लागू है. OPS वाले कर्मचारी UPS का विकल्प चुन सकते हैं. यह 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी.


यूनिफाइड पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की गारंटी है.  UPS के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन दिया जाएगा. हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि कर्मचारी 25 साल नौकरी की हो.