Kotak Mahindra Bank:  निजी सेक्टर के बड़े बैंक कोटक महिंद्रा बैंक की कमान अब अशोक वासवानी के हाथों में आ गई है. अशोक वासवानी ने कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी और सीईओ की जिम्मेदारी संभाल ली है. उदय कोटक के इस्तीफे के चार महीने बाद अब कोटक  महिंद्रा की जिम्मेदारी अशोक वासवानी के हाथों में है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अक्टूबर में ही वासवानी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी. अब उन्होंने इस जिम्मेदारी को संभाल लिया है. अशोक वासवानी अगले तीन सालों तक कोटक महिंद्रा बैंक की जिम्मेदारी संभालेंगे.  


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कॉलेज के पुराने साथी  


कोटक महिंद्रा बैंक के नए एमडी और सीईओ अशोक वासवानी और बैंक के फाउंडर उदय कोटक एक ही कॉलेज से पढ़े हुए हैं. दोनों ने ही मुंबई के एक ही  सिडेनहम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है. अगर बात अशोक वासवानी के करियर की करें तो वो क्वालिफार्इड चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी हैं. कोटक महिंद्रा बैंक की जिम्मेदारी संभालने से पहले वो अमेरिकी-इजराइली एआई फिनटेक कंपनी पगाया टेक्नोलॉजीज के प्रेसिडेंट रह चुके हैं. इससे पहले उन्होंने सिटी ग्रुप और बार्क्लेज जैसे ग्लोबल बैंकों में काम किया है. 
 
कोटक महिंद्रा बैंक के नाम के पीछे का राज  


उदय कोटक ने साल 1985 में कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की. शुरुआत फाइनेंस फर्म से की, लेकिन साल 2003 में इसे एक बैंक में बदल दिया.  इस फाइनेंस फर्म की शुरुआत उन्होंने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से उधार लेकर की थी. निवेश का बड़ा हिस्सा उन्हें अपने दोस्त आनंद महिंद्रा से मिला था, इसलिए उन्होंने बैंक का नाम कोटक महिंद्रा रखा गया. भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी को बैंकिंग लाइसेंस मिला था.