इंडियन नहीं फिर भी टाटा संस में 1520560 करोड़ की हिस्सेदारी; कौन है रतन टाटा से जुड़ा यह शख्स
Mistry Family Stake in Tata Group: रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को टाटा ग्रुप का नया चेयरमैन बनाया गया है. चेयरमैन पद पर उनकी नियुक्ति के बाद देश के सबसे बड़ी कारोबारी ग्रुप में अलग-अलग लोगों की शेयरहोल्डिंग को लेकर बात हो रही है.
Shapoor Family: शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप के हेड शापूर मिस्त्री (Shapoor Mistry) के पास बड़ी फैमिली प्रॉपर्टी है. जब उनकी संपत्ति की बात की जाती है तो इसमें उनकी टाटा संस में 18.4% की हिस्सेदारी भी बात होती है. टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी करीब 130 अरब डॉलर (1520560 करोड़) की है. इस हिस्सेदारी के दम पर मिस्त्री फैमिली को देश के सबसे बड़े टाटा ग्रुप के अहम शेयरहोल्डर के रूप में बनाती है. शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप की शुरुआत 159 साल पहले हुई थी. यह ग्रुप इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र का दिग्गज ग्रुप है.
साइस मिस्त्री की मौत सड़क हादसे में 2022 में हुई
साल 1964 में पैदा हुए शापूर मिस्त्री, पल्लोनजी मिस्त्री और पैट्सी पेरिन दुबाश के बड़े बेटे हैं. उनकी दो बहनें और एक भाई, साइरस मिस्त्री हैं. साइस की मौत एक सड़क हादसे में 2022 में हो गया था. करीब दो साल पहले अपने पिता और भाई दोनों के निधन के बाद, शापूर जी ने फैमिली बिजनेस में अहम भूमिका निभाई है. उनके कारोबार से सालाना करीब 30 अरब डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट होता है. शापूर जी के लिए साल 2022 पर्सनली काफी नुकसान देने वाला रहा.
बिजनेस की री-स्ट्रक्चरिंग पर किया काम
पहले जून में उनके पिता की मौत हो गई. वह कुछ संभले ही थे कि इसके तीन महीने बाद एक कार एक्सीडेंट में उनके भाई साइरस मिस्त्री का निधन हो गया. अपनी मौत से पहले, साइरस कर्ज से लदे अपने बिजनेस की री-स्ट्रक्चरिंग के लिए शापूर जी के साथ मिलकर काम कर रहे थे. वह वित्तीय मामलों को स्थिर करने के लिए अपनी संपत्तियों की बिक्री पर फोकस कर रहे थे. इन चुनौतियों ने शापूर जी को फैमिली बिजनेस की लीडरशिप में इमोशनल और ऑपरेशनल जटिलताओं का पता लगाने के लिए मजबूर किया.
2016 में विवादों के बाद अपने पद से अलग हुए साइरस
मिस्त्री फैमिली की संपत्ति मुख्य रूप से टाटा संस में अहम हिस्सेदारी के साथ टाटा ग्रुप के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है. शापूर के पिता पल्लोनजी मिस्त्री ने टाटा के हेडक्वार्टर में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति के लिए 'फैंटम ऑफ बॉम्बे हाउस' (Phantom of Bombay House) का उपनाम अर्जित किया. टाटा ग्रुप के साथ उनके परिवार का जुड़ाव 2012 में उस समय चर्चा में आया जब साइरस मिस्त्री को चेयरमैन नियुक्त किया गया. हालांकि, 2016 में कुछ विवादों के बाद वह अपने पद से अलग हो गए. इसके बाद मिस्त्री और टाटा फैमिली के बीच लंबी कानूनी जंग शुरू हो गई.
फैमिली में दो लोगों की मौत होने के बाद कमान संभालते हुए शापूर जी मिस्त्री ने शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप को ग्रोथ के लिए री-स्ट्रक्चर करना शुरू किया. फाइनेंशिय ईयर 2021 में उन्होंने और साइरस मिस्त्री ने अपने बेसिक इंफ्रा और रियलएस्टेट बिजनेस को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए दो अलग-अलग संस्थाओं-एसपी फाइनेंस और एससी फाइनेंस की शुरुआत करके अहम बदलाव किया. शापूर जी अगली पीढ़ी को भी बिजनेस में शामिल करने के इच्छुक हैं, जिसमें उनके बेटे और साइरस मिस्त्री के बेटे, फिरोज और जाहान मिस्त्री भी शामिल हैं.