WPI in July: महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को बड़ी राहत, खुदरा के बाद थोक महंगाई दर में आई गिरावट
WPI in July: मई में थोक महंगाई दर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब इसमें गिरावट देखी जा रही है. जुलाई में लगातार दूसरे महीने गिरकर यह 13.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
WPI in July: महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को एक बार फिर बड़ी राहत मिली है. पिछले दिनों खुदरा महंगाई दर में गिरावट आने के बाद अब थोक महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई है. एक महीने पहले 15 प्रतिशत के पार जाने वाली थोक महंगाई दर जुलाई में 14 प्रतिशत से नीचे 13.93 प्रतिशत पर आ गई. यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में गिरावट आई है. लेकिन यह लगातार लगातार 16वां महीना रहा है जब महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है.
मई में 15.88 प्रतिशत थी महंगाई दर
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति जून में 15.18 प्रतिशत और मई में 15.88 प्रतिशत (की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थी. यह पिछले साल जुलाई में 11.57 प्रतिशत थी. इससे पहले पिछले साल अप्रैल से लगातार 16वें महीने में यह दोहरे अंक में थी. इससे पहले खुदरा महंगाई में भी आम आदमी को राहत मिली थी. जुलाई में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई. जून में यह आंकड़ा 7.01 प्रतिशत पर था. मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में कोर इंफ्लेशन रेट 8.3 प्रतिशत था. इससे पहले जून में यह 9.2 फीसदी था.
फूड इंफ्लेशन रेट गिरकर 9.41 प्रतिशत पर आया
जुलाई में फूड इंफ्लेशन रेट गिरकर 9.41 प्रतिशत पर आ गया जो जून में 12.41 प्रतिशत था. मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट कैटेगरी में महंगाई 9.19 प्रतिशत से घटकर 8.16 प्रतिशत पर आ गई. सब्जियों के दाम जुलाई में घटकर 18.25 फीसदी पर आ गए, जो पिछले महीने 56.75 फीसदी पर थे. ईंधन और बिजली में महंगाई दर जुलाई में 43.75 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने 40.38 फीसदी थी. निर्मित उत्पादों और तिलहन की मुद्रास्फीति क्रमशः 8.16 प्रतिशत और नकारात्मक 4.06 प्रतिशत थी.
भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति के जरिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखता है. खुदरा मुद्रास्फीति लगातार सातवें महीने रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य से ऊपर रही. जुलाई में यह 6.71 प्रतिशत पर थी. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल प्रमुख ब्याज दर को तीन बार बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीति के 6.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है.
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