Wholesale Price Index: महंगाई दर के जनवरी से लगातार 6 प्रत‍िशत के ऊपर बने रहने के बाद आरबीआई (RBI) पर मुद्रास्फीति को कम करने का दबाव बना हुआ है. इसके ल‍िए प‍िछले द‍िनों एमपीसी (MPC) की बैठक में इस पर चर्चा की गई और इससे जुड़ी र‍िपोर्ट सरकार को दी गई. इस बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्‍त‍िकांत दास (Shaktikanta Das) ने उम्‍मीद जताई थी क‍ि अक्‍टूबर की महंगाई दर के आंकड़े 7 प्रत‍िशत से नीचे आने की संभावना है. लेक‍िन अब इससे पहले आम जनता के ल‍िए एक राहत भरी खबर आ  रही है.


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थोक मुद्रास्फीति एक प्‍वाइंट में रह गई
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (WPI) अक्टूबर में दो अंक से ज्‍यादा नीचे ग‍िरकर 8.39 प्रतिशत पर पहुंच गया है. ईंधन के दाम में कमी आने से थोक मुद्रास्फीति (WPI) नीचे आई है. 19 महीने में यह पहला मौका है जब थोक मुद्रास्फीति एक प्‍वाइंट में रह गई है. इससे पहले मार्च, 2021 में यह 7.89 प्रतिशत पर थी. अप्रैल, 2021 से थोक मुद्रास्फीति लगातार 18 महीने तक दो अंक में यानी 10 प्रतिशत से अधिक रही थी. सितंबर में यह 10.79 प्रतिशत पर थी.


अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.33 प्रतिशत
इसके बाद अक्टूबर, 2021 में थोक मुद्रास्फीति 13.83 प्रतिशत थी. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से कहा गया क‍ि खनिज तेल, मूल धातु, फ्रैबिकेटेड धातु उत्पाद, अन्य गैर-धातु खनिज उत्पाद, खनिजों के दाम घटने से अक्टूबर, 2022 में थोक मुद्रास्फीति घटी है. अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 8.33 प्रतिशत रही, जो सितंबर, 2022 में 11.03 प्रतिशत थी.


समीक्षाधीन महीने में सब्जियों की मुद्रास्फीति 17.61 प्रतिशत रही. पिछले महीने यह 39.66 प्रतिशत पर थी. ईंधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति 23.17 प्रतिशत और विनिर्मित उत्पादों की 4.42 प्रतिशत पर रही. भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता 


अक्टूबर की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आज आएंगे. माना जा रहा है खुदरा मुद्रास्फीति सात प्रतिशत से नीचे रहेगी. रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए मई से सितंबर के बीच प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 1.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है. अब रेपो दर 5.90 प्रतिशत पर है.


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