नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के चलते हर सेक्टर में बदलाव देखने को मिल रहा है. दुनिया के ज्यादातर देशों में लंबे समय तक लॉकडाउन (Lockdown) रहा है. दुनिया की सबसे टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल हाईब्रिड वर्क मॉडल पेश की है. इसके तहत गूगल के अधिकांश कर्मचारी सप्ताह में तीन दिन ऑफिस में काम करेंगे. सप्ताह में दो दिन कर्मचारी अपनी पसंदीदा जगह से काम कर सकेंगे. गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचई (Sundar Pichai) ने यह जानकारी दी है.


गूगल का नया वर्क मॉडल 


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Google अपने कर्मचारियों के लिए एक नया 'हाइब्रिड' वर्क मॉडल (Hybrid Work Model) तैयार किया है. दुनिया भर में गूगल के लगभग 140,000 एम्प्लोई हैं. Google में वर्किंग कल्चर में कई बदलाव किए हैं जिसके तहत 60 % कर्मचारियों को कार्यालयों में हफ्ते के कुछ दिन काम करना होगा, 20 % कर्मचारी अलग-अलग ऑफिस लोकेशन से काम करेंगे, बाकि के 20 फीसदी गूगल के कर्मचारी घर से ही काम कर सकते हैं.


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इस हिसाब से दी जाएगी सैलरी 


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गूगल के इस नए वर्क मॉडल में बताया गया है कि अगर कोई कर्मचारी किसी सस्ते से महंगे शहर में चले जाते हैं तो उसकी सैलरी और और पे स्केल में बदलाव किया जाएगा. नए वर्क लोकेशन टूल के मुताबिक किसी भी कर्मचारी की सैलरी उसके जॉब लोकेशन, उनके रहने के स्थान की लागत और लोकैलिटी के आधार पर दी जाएगी. यानी की अब सैलरी उनके एरिया को रिमोट कर उसके महंगाई के हिसाब से तय की जाएगी.


गूगल का कॉर्पोरेट रिट्रीट पर था अधिक खर्च 


गौरतलब है कि गूगल कर्मचारियों की देखभाल और सुविधाओं जैसे मसाज टेबल, कैटरेड कूजिन्स और कॉर्पोरेट रिट्रीट पर काफी खर्च करता है लेकिन वर्क फ्रॉम होम के दौरान ये भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं जिससे कंपनी की काफी बचत हो रही है. Google के मुख्य कार्यकारी सुंदर पिचाई ने रिमोट लोकेशन वर्क और वर्क फ्रॉम होम फ्लेक्सिबिलिटी की बात की है ताकि कोरोना संक्रमण की वजह से बंद कार्यालयों को फिर से खोला जा सके. 


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