10th 12th Board Exam: 10वीं 12वीं के एग्जाम नहीं देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में बड़ा उछाल, ये रही राज्यों की पूरी रिपोर्ट
Board Exams: महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान 2020 और 2021 में बोर्ड परीक्षा बाधित हुई थी. पिछले साल, ज्यादातर राज्यों ने बिना एग्जाम के ही सभी 10 वीं के स्टूडेंट्स को प्रमोट किया.
State Board 10th 12th Board Exam: कम से कम 10 राज्यों - असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, नागालैंड, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के शिक्षा बोर्डों ने उन छात्रों की एक बड़ी संख्या की सूचना दी है जिन्होंने 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था लेकिन एग्जाम नहीं दिए. एक रिपोर्ट में पिछले कुछ सालों में 17 राज्य परिषद परीक्षाओं के लिए उपस्थिति के आंकड़ों का विश्लेषण किया और पाया कि इस साल स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन के बाद एग्जाम देने नहीं पहुंचे. यह संख्या 2019 में कोरोना से पहले की तुलना में ज्यादा है. यहां आंकड़ा 10वीं क्लास के लिए ज्यादा बढ़ा है.
7 मई को, ओडिशा राज्य में शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने एक रिपोर्ट प्राप्त की, जिसमें कहा गया था कि ग्रेड 10 राज्य बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्टर 5.71 लाख स्टूडेंट्स में से 43,489 स्टूडेंट्स ने एग्जाम नहीं दिए. राज्य सरकार ने तुरंत जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसे स्टूडेंट्स का स्कूल एनलिसिस पेश करने का आदेश दिया.
महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान 2020 और 2021 में बोर्ड परीक्षा बाधित हुई थी. पिछले साल, ज्यादातर राज्यों ने बिना एग्जाम के ही सभी 10 वीं के स्टूडेंट्स को प्रमोट किया. इस साल, महामारी के बाद पहली बार 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा फिजिकल रूप से आयोजित की गई थी.
2019 में 21,761 से 2022 में 42,521 तक, तमिलनाडु में रजिस्ट्रेशन के बाद एग्जाम न हीं देने वाले 10 वीं क्लास के स्टूडेंट्स की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. अनुपस्थित दर 2.2% से बढ़कर 4.4% हो गई.
असम में, जहां 2019 में 6,488 (1.8%) की तुलना में इस साल 10 वीं कक्षा के 14,000 (3.4%) से ज्यादा स्टूडेंट्स परीक्षा में असफल रहे, शिक्षा विभाग "सामान्य जांच" कर रहा है.
महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है. 2019 में 1,567 (0.1%) की तुलना में लगभग 10,000 (0.7%) स्टूडेंट्स ने 12वीं की परीक्षा नहीं दी.
तेलंगाना में भी 10वीं कक्षा में 2019 में 1,585 (0.3%) स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन के बाद परीक्षा नहीं दी थी जोकि साल 2022 में बढ़कर 4,909 (1%) हो गई.
कर्नाटक में, जहां कक्षा 12 (या II PUC) परीक्षा में 26,000 (3.7%) स्टूडेंट्स ने परीक्षा नहीं दी. वहीं 2019 में 17,553 (2.5%) से ज्यादा स्टूडेंट्स ने एग्जाम नहीं दिए थे.
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